नहाय खाय के साथ डाला छठ पूजन महोत्सव शुरू
नहाय खाय के साथ चार दिवसीय डाला छठ पूजन महोत्सव शुरू हो गया। सुबह घर की सफा

बलरामपुर: नहाय खाय के साथ चार दिवसीय डाला छठ पूजन महोत्सव शुरू हो गया। सुबह घर की सफाई के बाद लोगों ने नदी व पोखरे में स्नान किया। लहसुन प्याज रहित भोजन ग्रहण कर व्रत का शुभारंभ किया। मंगलवार को खरना होगा। 10 नवंबर को अस्त होते हुए सूर्य व 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु व्रत का समापन करेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली ने छठ पूजा को देखते हुए झारखंडी सरोवर की सफाई कराई, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
पहले व्रती फिर घर वालों ने किया सात्विक भोजन :
नदी, तालाब व कुएं के पानी से नहाकर साफ कपड़े पहन कर व्रत रखने का संकल्प लिया गया। चने की दाल व शुद्ध देशी घी में बिना प्याज, लहसुन की बनी लौकी की सब्जी को ग्रहण किया। इसके बाद घर के अन्य सदस्यों ने बचे हुए भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
खरना आज, कल अस्त होते सूर्य को देंगे अर्घ्य :
मिल कालोनी निवासी जलेश्वर प्रसाद ने बताया कि व्रत रखने वाले श्रद्धालु मंगलवार को दिन भर में सिर्फ एक बार भोजन करेंगे। पूरा दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को चावल का पीठा व घी लगी रोटी खाएंगे। बाद में इसी को प्रसाद के रूप में घर वालों को वितरित कर दिया जाएगा। इसके बाद रात भर छठ मइया की महिमा के गीत गाते हुए दूसरे दिन शाम को किसी पोखरे के किनारे पहुंचेंगे। यहां पहले से चिह्नित स्थल पर पानी में खड़े होकर अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन अर्चन करेंगे। पूजन के बाद पुन: घर लौट आएंगे। रात भर छठ मइया की महिमा के गीत गाते हुए भोर में पुन: उसी स्थान पर पहुंचेंगे जहां उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे।
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