Balrampur: विधायक एसपी यादव से जुड़ी नेता जी की यादें, मजदूरों के लिए क्रांति रथ लेकर आए थे मुलायम सिंह यादव
डा. एसपी यादव ने बताया कि पहली बार नेताजी से वर्ष 1980 में मिला। मैं बलरामपुर सदर सीट से बाबू वंशराज सिंह को विधानसभा का टिकट दिलाने नेता जी के पास गया था। वंशराज सिंह लोकदल से टिकट मांग रहे थे। नेताजी से मेरी बातचीत हुई थी।

बलरामपुर, जेएनएन। बात सन 1987 की है। बलरामपुर चीनी मिल के श्रमिकों ने बोनस की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी थी। मिल प्रशासन के दबाव के बाद भी मजदूर काम पर नहीं लौट रहे थे। श्रमिकों की जिद्द के आगे चीनी मिल प्रबंधन झुकने को तैयार नहीं था। चीनी मिल ने श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया था। यह संस्मरण सुनाते हुए गैंसड़ी सपा विधायक डा. एसपी यादव भावुक हो गए।
उन्होंने बताया कि श्रमिक नेता आए और मिल प्रशासन के उत्पीड़न की कहानी बताई। पूरी कहानी मैंने नेता जी से मिलकर बताई और उनसे अनुरोध किया तो वह आजम खान के साथ क्रांति रथ लेकर बलरामपुर पहुंच गए। मिल प्रबंधन ने बाहर पुलिस लगवा दी। मिल में घुसने पर रोक लगा दिया।
नेता जी ने मिल के बाहर मैदान में मजदूरों को संबोधित किया और वहीं पर मिल के जनरल मैनेजर आइडी मित्तल को बुलाकर बर्खास्त मिल कर्मियों को बहाल कराया। श्रमिकों को बोनस भी दिलवाया।
पहली मुलाकात में दे दिया टिकट
डा. एसपी यादव ने बताया कि पहली बार नेताजी से वर्ष 1980 में मिला। मैं बलरामपुर सदर सीट से बाबू वंशराज सिंह को विधानसभा का टिकट दिलाने नेता जी के पास गया था। वंशराज सिंह लोकदल से टिकट मांग रहे थे। नेताजी से मेरी बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा तुम कौन, मैंने कहा मैं डाक्टर एसपी यादव, इसपर नेताजी ने कहा क्या तुम झोलाछाप डाक्टर हो।
मैंने कहा नहीं मैं रसायन शास्त्र से पीएचडी हूं और अभी मेरी नियुक्ति एमएलकेपीजी कालेज बलरामपुर में प्रवक्ता के रुप में हुई है। उन्होंने कहा अच्छा और मैं चला आया। बाद में टिकट की सूची निकली तो उन्होंने मुझे बलरामपुर सदर से विधानसभा का प्रत्याशी बना दिया।
मैं फिर मिला तो चौधरी चरण सिंह ने पूछा मुलायम बलरामपुर से किसको टिकट दिया है। नेताजी ने मेरा परिचय कराया और कहा यह नौजवान है प्रत्याशी। आप भी जानते हैं कि चुनाव वहां कोई नहीं जीतेगा, लेकिन यह जिले में पार्टी को मजबूत करेगा।
कार्यकर्ताओं की सुनते थे नेता जी
सपा नेता नफीस मेकरानी ने बताया कि मुलायम सिंह यादव कार्यकर्ताओं का बहुत सम्मान करते थे। बलरामपुर जब भी आते थे, नेताजी के साथ मैं, डा. ध्रुव नारायनशाही और डा. एसपी यादव रहते थे। चुनाव में यहां जरूर आते थे। कार्यकर्ताओं से ही चुनाव की चर्चा करते थे। कार्यकर्ता यदि कुछ कहता तो नेताजी उस पर अमल भी करते थे।
पूर्व मंत्री सलिल सिंह टीटू बताते हैं कि नेताजी से जब भी मिलता था, संगठन पर चर्चा जरूर करते थे। पूर्व चेयरमैन इशरत जमाल के बेटे इकबाल जावेद ने बताया कि पिता जावेद हसन को नेताजी बहुत मानते थे। विधानसभा चुनाव में नेताजी बड़ा परेड ग्राउंड में सभा कर रहे थे। पिताजी को मंच पर बुलाकर अपने साथ बैठाया। पिताजी की मौत होने के बाद नेताजी ने फोन करके अपनी संवेदना व्यक्त की थी।
सपा संरक्षक के निधन पर शोक की लहर, दी गई श्रद्धांजलि
उतरौला। सपा के संरक्षक धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सुनते ही पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। शोकसभा आयोजित कर उनके जीवन संघर्षों पर प्रकाश डालकर भीवभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता राम दयाल यादव की अध्यक्षता में शोकसभा की गई।
दो मिनट का मौन रखकर नेताजी को शोक संवेदना व्यक्त की गई। कहा कि उन्होंने पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीबों, किसानों व मजदूरों के हित में काम किया। गरीबों के मसीहा के रुप में अपनी पहचान बनाई। यह हमारा दुर्भाग्य है कि वह हमारे बीच नहीं रहे। उनकी कमी आज पूरा देश महसूस कर रही है।
श्रद्धांजलि सभा में मलिक एजाज, रब्बू सिद्दीकी, सपा नगर अध्यक्ष मोहम्मद शमीम खां, सभासद मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद हनीफ खां, राशिद महमूद लवी, रक्षा राम यादव, मंगल सिंह यादव, जगन्नाथ, नरसिंह यादव, रक्षाराम उर्फ मोटे यादव मौजूद रहे।
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