शिक्षक का पद समाज में सबसे ऊंचा
बलरामपुर : शिक्षक समाज का निर्माता होता है। उसके द्वारा प्रकाशित की जाने वाली लौ आगे चल कर देश व समा
बलरामपुर : शिक्षक समाज का निर्माता होता है। उसके द्वारा प्रकाशित की जाने वाली लौ आगे चल कर देश व समाज को प्रकाशित करती है। शिक्षक सम्माननीय है इसका पद समाज में सबसे ऊंचा होता है। उक्त बातें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुख्य विकास अधिकारी रामाश्रय ने शिक्षक दिवस के मौके पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कही। कहा कि शिक्षक को समाज का सबसे उच्च दर्जा दिया जाता है। वह इसलिए कि उसके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विद्यार्थी ही समाज की अगली कड़ी होते हैं। विशिष्ट अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष इशरत जमाल ने कहा कि शिक्षकों पर समाज के निर्माण की जिम्मेदारी होती है। इसलिए उन्हें अपना काम पूरी इमानदारी के साथ करना चाहिए। डॉयट प्राचार्य हृदय नरायण त्रिपाठी ने कहा कि शासन शिक्षकों की सभी संसाधन मुहैया करा रहा है जरूरत है तो इसके पूर्णत: उपयोग करने की। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके 43 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने जिले के विभिन्न ब्लॉकों में कार्यरत 50 शिक्षकों को भी सम्मानित किया। वित्त एवं लेखाधिकारी आनंद कुमार ने शिक्षकों के जीपीएफ का भुगतान शीघ्र कराने की बात कही। कार्यक्रम में सपा जिलाध्यक्ष ओंकार नाथ पटेल, प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष देवता प्रसाद तिवारी, वर्तमान जिलाध्यक्ष ज्ञान सागर पाठक सहित काई लोग ने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में मंडलीय महामंत्री अरुण कुमार यादव ने जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की ओर से कार्यक्रम में आए लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बीआरसी रामसमुझ यादव, शिवकुमार सोनी, राधेश्याम, अयोध्या प्रसार, नवीन सिंह, ब्रजेश चौधरी, कमरूद्दीन, प्रेम कुमार गुप्ता सहित कई शिक्षक उपस्थित रहे। महारानी लाल कुवरि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एनके सिंह ने शिक्षक और शिष्य की परिभाषा बताई। सादुल्लाहनगर संवादसूत्र के अनुसार छात्र-छात्राओं ने अध्यापकों के सम्मान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। स्थानीय कस्बे के एजी हाशमी इंटर कॉलेज परिसर में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के जन्म दिवस के रूप में शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन कक्षा 10 के रमेश कुमार वर्मा एवं जुबेर हशमती ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य सतीराम ने गुरू का संधि विच्छेद करते हुए कहाकि गु का अर्थ कठिन एवं रू का अर्थ रहस्य जिसका अर्थ कठिन रहस्यों को आसान करने एवं लक्ष्य की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त कराने वाले को ही गुरू की संज्ञा दी जाती है। यह आवश्यक नहीं गुरू शिक्षण संस्थानों मात्र में ही वह जीवन के किसी भी मोड़ पर मिल सकता है। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपने अंदाज में शिक्षकों को संबोधित किया। इसमें जलाज अहमद सिद्दीकी, जावेद हुसेन, मोहम्मद मुस्तकीम सिद्दीकी, जैनुल आबदीन, मोतीराम वर्मा, बलराम गौतम, गोविंद मुख्य रहे।
उतरौला संवादसूत्र के अनुसार
शिक्षक दिवस पर स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शिक्षकों को व्यक्तित्व का स्मरण कराते हुए जनप्रतिनिधियों तथा संभ्रांतजनों ने शिक्षक दिवस पर बधाइयां दी। एमजे एक्टिविटी, सरस्वती शिशु मंदिर, रैडियंट पब्लिक स्कूल, भारतीय इंटर कॉलेज, श्रीराम तीर्थ चौधरी इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, मुहम्मद युसुफ उस्मानी इंटर कॉलेज आदि स्कूल में प्रबंध तंत्र द्वारा शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
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