जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में जलजमाव की समस्या का होगा निराकरण
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जागरण संवाददाता, बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के विकास के लिए 92.39 करोड़ धन स्वीकृत हुआ था। इससे विश्वविद्यालय में भवन का निर्माण होना था, लेकिन परिसर में जलजमाव के कारण निर्माझा कार्य बीच में ही लटक गया। इस विश्वविद्यालय से जिले के लगभग 135 महाविद्यालय जुड़े हैं, लेकिन बारिश के दिनों में इसके परिसर में जलजमाव के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को परिसर में नाव से जाना पड़ता है या किसी दूसरे विद्यालय में शिफ्ट होकर विश्वविद्यालय का कार्य संपादित करना होता है। पिछले दिनों स्वीकृत धन से भवन निर्माण का कार्य जलजमाव के कारण ही आगे नहीं बढ़ पाया। यह संदेश शासन तक पहुंचा। जिसका स्थलीय निरीक्षण करने शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग व विशेष सचिव मनोज कुमार सिंह विश्वविद्यालय में पहुंचकर जिले के सभी अधिकारियों संग घंटो मंथन किया। सभी ने माना कि जलजमाव की समस्या का निराकरण करने के बाद ही परिसर में कोई निर्माण सफल हो सकता है। विशेष सचिव ने इसके लिए कार्ययोजना बनाने पर अधिकारियों संग घंटो बात की। आश्वस्त किया कि जलजमाव के निराकरण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों में कृषि शिक्षा, महिला अध्ययन, संकुल की गतिविधियां, कृषि प्रबंधन एवं पर्यटन में एडवांस स्टडी सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी सार्थक पहल का भरोसा दिया। कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने बताया कि परिसर के जलजमाव की समस्या पर सार्थक मंथन हुआ है। उम्मीद है बहुत जल्द इसका कोई हल निकाला जाएगा। 2016 में यह विश्वविद्यालय स्थापित हुआ। मै 2020 से यहां कार्यरत हूं। मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए सरकार गंभीर है। विश्वविद्यालय परिसर में तीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भौतिक विज्ञान, गणित, उद्यान विज्ञान, कृषि स्नातक पाठ्यक्रम तथा पांच स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम प्रारंभ होने से विद्यार्थियों की संख्या में लगभग चार गुना वृद्धि हुई है।

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