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    Ballia News: चिकित्सा अधीक्षक 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ ग‍िरफ्तार, विजिलेंस टीम की कार्रवाई से मचा हड़कंप

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 01:52 PM (IST)

    बांसडीह में विजिलेंस टीम ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विंकटेश मौआर को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक अजय तिवारी की शिकायत पर हुई जिन्होंने अधीक्षक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। टीम ने मौके पर ही वीडियो फुटेज बनाया और अस्पताल में पूछताछ की जिससे ओपीडी में अफरा-तफरी मच गई और चिकित्सा व्यवस्था बाधित हुई।

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    रिश्वत लेते चिकित्सा अधीक्षक को विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    संवाद सूत्र, बांसडीह (बलिया)। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत के मामले में गुरुवार को वाराणसी से बलिया पहुचीं विजिलेंस टीम ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विंकटेश मौआर को पैसे लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद टीम चिकित्सा अधीक्षक को लेकर वाराणसी रवाना हो गई।

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    बांसडीह में एक स्थानीय संस्था अमृत फार्मेसी के नाम से प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का रजिस्ट्रेशन है। इसे सीएचसी परिसर के अंदर ही एक भवन में संचालित किया जाता है। संचालक अजय तिवारी का आरोप है कि चिकित्सा अधीक्षक द्वारा निर्विघ्न रूप से परिसर के अंदर औषधि केंद्र चलाने के लिए उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। जो उनके द्वारा कथित रूप से पूर्व में भी एक बार दी जा चुकी थी। दूसरी बार पैसे मांगने पर जब उनके द्वारा आनाकानी की गई तो विगत 7 जून को चिकित्सा अधीक्षक ने उनके जन औषधि केंद्र का औचक निरीक्षण कर विभिन्न तरह की अनियमितता बताते हुए अपने कार्यालय से नोटिस जारी कर दिया।

    इसे लेकर काफी कहासुनी भी हुई और कुछ अन्य चिकित्सकीय स्टाफ के हस्तक्षेप के बाद मामला का पटाक्षेप हुआ। इसी क्रम में जब चिकित्सा अधीक्षक ने दोबारा उनसे पैसे की मांग की तो अजय तिवारी ने वाराणसी विजिलेंस में इसकी शिकायत कर दी।

    शिकायत के बाद निरीक्षक धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय टीम बलिया पहुचीं और इसके बाद सादे वर्दी में आसपास खड़े टीम के सदस्यों के बीच अजय तिवारी ने ओपीडी में बैठे चिकित्सा अधीक्षक को जाकर पैसे दे दिए। जिसे लेने के तुरंत टीम ने अधीक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही इस प्रकरण का वीडियो फुटेज बनाते हुए टीम चिकित्सा अधीक्षक को तुरंत गिरफ्तार कर अपने साथ लेती गयी।

    इस घटना से ओपीडी में हड़कंप मच गया और वहां बैठे अन्य चिकित्सक व स्टाफ वहां से भाग निकले। इस दौरान लगभग ढाई घंटे तक ओपीडी में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गयी और मरीज कराहते रहे। काफी समय बाद सूचना पाकर अस्पताल पंहुचे डॉ. प्रणव कुणाल ने ओपीडी संभाली तो व्यवस्था सामान्य हुई। इस दौरान अधीक्षक की गिरफ्तारी के बाद भी वहां मौजूद टीम के सदस्यों ने अस्पताल के अन्य स्टाफ आदि से पूछताछ की चिकित्सा अधीक्षक के कमरे और सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच की। इसके बाद वह लोग भी वापस लौट गए। मामले को लेकर देर तक अस्पताल परिसर में हड़कंप मचा रहा।