मार्कशीट में जन्मतिथि बदलकर हासिल की नौकरी, स्टाफ नर्स निलंबित, दर्ज होगा मुकदमा
एक स्टाफ नर्स ने मार्कशीट में जन्मतिथि बदलकर नौकरी प्राप्त की। जांच में धोखाधड़ी का खुलासा होने पर नर्स को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने नर्स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बलिया। घोटालों और फर्जीवाड़े के चुगंल में फंसे स्वास्थ्य विभाग में फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी पाने का एक नया मामला प्रकाश में आया है।
शिकायत के बाद हुई जांच में मामले का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है। जबकि चिकित्सा महानिदेशक के निर्देश पर सीएमओ ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर भी दी है।
स्वास्थ्य विभाग में लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़ों के बीच एक और बड़ा मामला उजागर हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसड़ा (बलिया) में तैनात स्टाफ नर्स कुमुदलता राय के खिलाफ फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर नौकरी हासिल करने की पुष्टि हो गई है।
मामले में महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उत्तर प्रदेश ने सीएमओ बलिया को तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मामला रसड़ा सीएचसी पर तैनात उपचारिका कुमुदलता राय का है। विगत 27 मार्च और दो अप्रैल 2025 को प्रभात राय निवासी अमारी, अमहर थाना सरायलखंसी जिला मऊ ने स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए शिकायती पत्र में स्टाफ नर्स कुमुद लता पर फर्जी तरीके से उम्र घटाकर दूसरी बार प्राप्त डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगाया।
शिकायतकर्ता ने आरोपी स्टाफ नर्स के सभी शैक्षणिक दस्तावेजों का प्रमाण भी प्रस्तुत किया। इस मामले में सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन् ने जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया। आरोपी स्टाफ नर्स ने 11 अप्रैल को जांच समिति के समक्ष अपना लिखित स्पष्टीकरण और स्टापं पेपर पर प्रमाणित करते हुए सभी आरोप बेबुनियाद बताए।
विभाग की ओर से स्टाफ नर्स की डिग्रियों को जांच के लिए 29 अप्रैल को पूर्वांचल यूनीवर्सिटी जौनपुर के सचिव वीर बहादुर सिंह को भेजा गया। जहां से डिग्रियां जांच के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय वाराणसी पहुंची। 14 मई को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिकायत कर्ता के आरोपों को पुष्ट कर दिया।
शिक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनसुार, आरोपिता ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट में अलग- अलग जन्मतिथि अंकित कराई। जबकि मार्कशीट में फर्जीवाड़ा कर विभाग में नौकरी भी पा ली। इस मामले में चिकित्सा महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन को दस नवंबर को फरमान जारी करते हुए संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़े का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी एक साथ दो जिलो में नौकरी करने वाले फार्मासिस्ट, करोड़ों की कमाई वाला वरिष्ठ लिपिक और उपकरण घोटाले जैसे कई मामलों से विभाग हमेशा चर्चाओं में रहा है।
आरोपी स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया गया है। जबकि शासन के निर्देश पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दी गई है।
-डॉ. संजीव कुमार वर्मन, सीएमओ।

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