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    बलिया में कम मतदान से उलझा सियासी समीकरण, सपा के गढ़ में पड़े जबरदस्त वोट; किसकी होगी जीत?

    लोकसभा सीट बलिया में शामिल पांच विधान सभा क्षेत्रों में बलिया के तीन विधान सभा क्षेत्र फेफना बलिया नगर और बैरिया और गाजीपुर के जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधान सभा क्षेत्र है। लोकसभा क्षेत्र के 1923643 मतदाताओं में 51.84 ने अपने मताधिकार का प्रयाेग किया है लेकिन शाम छह तक की रिपोर्ट में सपा के गढ़ वाले दोनों गाजीपुर के जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधान सभा क्षेत्रों में अधिक मतदान हुआ है।

    By Mahendra Kumar Dubey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 02 Jun 2024 03:24 PM (IST)
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    बलिया में कम मतदान से उलझा सियासी समीकरण, सपा के गढ़ में पड़े जबरदस्त वोट; किसकी होगी जीत?

    जागरण संवाददता, बलिया। (Ballia Lok Sabha Result) लोकसभा सीट बलिया में शामिल पांच विधान सभा क्षेत्रों में बलिया के तीन विधान सभा क्षेत्र फेफना, बलिया नगर और बैरिया और गाजीपुर के जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधान सभा क्षेत्र है। इसमें मतदान में गाजीपुर के दोनों विधान सभा क्षेत्र अव्वल रहे हैं।

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    लोकसभा क्षेत्र के 1923643 मतदाताओं में 51.84 ने अपने मताधिकार का प्रयाेग किया है, लेकिन शाम छह तक की रिपोर्ट में सपा के गढ़ वाले दोनों गाजीपुर के जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधान सभा क्षेत्रों में अधिक मतदान हुआ है।

    बलिया के तीन विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता घरों से कम निकले हैं। कई तरह के राजनीतिक समीकरण उलझे हुए दिख रहे हैं। बलिया नगर और फेफना विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं ने तीसरा और चौथा स्थान प्राप्त किया है। बैरिया अंतिम पायदान पर है।

    चुनाव के बाद किसी प्रत्याशी ने फरमाया आराम तो कोई बैठकों में व्यस्त

    बलिया। पिछले एक महीने से प्रचार करते हुए दिन रात एक करने वाले उम्मीदवारों ने मतदान खत्म होने के साथ ही राहत की सांस ली है। पिछले कई दिनों से नुक्कड़ सभाओं रैलियों रोड शो में जुटे प्रत्याशियों ने परिवार के साथ फुर्सत के पल बिताए और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की। कुछ प्रत्याक्षियों ने रात को चैन की नींद ली, तो कुछ चार जून को होने वाली मतगणना को लेकर समर्थकों के साथ चर्चा करते नजर आए।

    वहीं कई चुनावी कार्यालय तो बंद पड़े भी नजर आए। भले ही अब सभी पार्टियों के उम्मीदवार पूरा जोर लगा चुके हैं और उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीनों में बंद हो चुकी है। लेकिन सभी पार्टियों के नेता बैठकों के जरिए लगातार कितनी सीटें किसके हक में आएंगी, को लेकर समीकरण बैठा रहे हैं।