वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना से लाभान्वित हुए महज आठ कारोबारी
केन्द्र सरकार ने अपने दूसरे बजट में एक बार फिर वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना को प्रमुख स्थान दिया है। इसके लिए भारी-भरकम बजट का भी प्रावधान किया गया है। लेकिन इस योजना की पिछले एक साल की प्रगति पर नजर दौड़ाए तो इस योजना की कलई खुलते देर नहीं लगेगी।
जासं, बलिया: केंद्र सरकार ने अपने दूसरे बजट में एक बार फिर वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना को प्रमुख स्थान दिया है। इसके लिए भारी-भरकम बजट का भी प्रावधान किया गया है लेकिन इस योजना की पिछले एक साल की प्रगति पर नजर दौड़ाएं तो इस योजना की कलई खुलते देर नहीं लगेगी। इसकी प्रगति रिपोर्ट ढ़ाई दिन चले अढ़ाई कोस की युक्ति को चरितार्थ करती नजर आ रही हे।
दो साल पूर्व अस्तित्व में आई इस योजना से अब तक जनपद के महज आठ बिदी कारोबारी ही लाभांवित हो पाए हैं। इनको 88.75 लाख का ऋण स्वीकृत किया गया है। जिला उद्योग आयुक्त राजीव पाठक के मुताबित वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना के तहत कुल 50 व्यवसायियों का चयन किया गया था। स्क्रीनिग कमेटी द्वारा 32 करोबारियों की फाइल सेलेक्ट कर बैंकों को भेज दिया है लेकिन अभी तक आठ लोगों को ही लाभांवित किया जा सका है। बैंको की लापरवाही व कच्छप गति से इस योजना की प्रगति अच्छी नहीं रही इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दो वर्ष पूर्व वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना के तहत जिले में बिदी उद्योग का चयन किया गया था। योजना के अनुसार इस उद्योग से जुड़े जिले के छोटे कारोबारियों को लाभांवित करने की योजना थी, लेकिन पिछले दो साल में यह योजना कुछ खास प्रगति नहीं कर पाई है। विभागीय पेंचिदगी, कागजी कोरम व बैकों की हिलाहवाली से यह योजना अब तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है। छोटे व्यापारियों को लाभ मिलना तो दूर इनकी फाइलें महीनों से लटकी पड़ी हैं। ऐसे में सरकार द्वारा इस योजना के समर्थन में कसीदे गढ़ना जनपद के कारोबारियों को भा नहीं रहा है। एक बार फिर सरकार ने इस योजना पर फोकस किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार जिले के बिदी कारोबारियों को इसका लाभ अवश्य मिलेगा।
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