यूपी-बिहार सीमा के गांवों में बिजली व्यवस्था के पेंच से तंग है आबादी, एक माह से परेशानी झेल रहे लोग; विरोध के बाद आपूर्ति बहाल
यूपी की ओर से भी शुक्रवार को बिहार के ग्राम पंचायत सिताबदियारा दक्षिणवारी चक्की प्रभुनाथ नगर और खवासपुर की बिजली बाधित कर दी गई है। इससे सभी की परेशानी बढ़ गई। देर शाम फिर से दोनों तरफ के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। उसके बाद यूपी की ओर से बिहार के गांवों में शाम से विद्युत सेवा बहाल कर दी गई...
जागरण संवाददाता, बलिया। जिले के कई गांव नदी के दूसरी तरफ बसे हैं। वहां एक समझौते के तहत बिहार की ओर से बिजली दी गई है। उसी तरह से बिहार के भी कुछ गांव गंगा इस बार बसे हैं। वहां उत्तर प्रदेश की ओर से बिजली प्रदान की गई है।
इधर एक माह से जिले के ग्राम पंचायत नौरंगा, जवही, परानपुर सोमाली व शिवपुर दीयर नंबरी की लगभग 50 हजार की आबादी की बिजली बिहार ने काट दी गई। अधिकारियों की वार्ता के बाद भी बात नहीं बन रही थी।
जवाब में यूपी की ओर से भी शुक्रवार को बिहार के ग्राम पंचायत सिताबदियारा, दक्षिणवारी चक्की प्रभुनाथ नगर और खवासपुर की बिजली बाधित कर दी गई है। इससे सभी की परेशानी बढ़ गई। देर शाम फिर से दोनों तरफ के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई।
उसके बाद यूपी की ओर से बिहार के गांवों में शाम से विद्युत सेवा बहाल कर दी गई, उसके अगले दिन शनिवार को बिहार के आरा भोजपुर की ओर से भी बलिया के गांव नौरंगा, जवही, परानपुर सोमाली व शिवपुर दीयर नंबरी में विद्युत आपूर्ति बहाल की गई। हालांकि यह समस्या का स्थायी निदान नहीं है।
जनपद स्तर पर खपत के हिसाब से भुगतान में जब कभी विलंब होता है तो एक-दूसरे सीमा की विद्युत आपूर्ति बाधित कर दी जाती है। इससे लगभग एक लाख की आबादी परेशानी से गुजरने लगती है। सिताबदियारा निवासी भोला सिंह ने बताया कि इस समस्या के निदान के दोनों तरफ के जनप्रतिनिधियों को पहल करनी चाहिए।
बिल वसूली की यह है प्रक्रिया
बिहार के छपरा और आरा जनपद के गांव सिताबदियारा, दक्षिणवारी चक्की प्रभुनाथ नगर और खवासपुर में विद्युत आपूर्ति जिले के जयप्रकाशनगर उपकेंद्र से होती है, लेकिन मीटर बिहार के विद्युत विभाग की ओर से लगाया गया है।
बिहार के छपरा और आरा के बिजली विभाग खपत के हिसाब से जनपद स्तर पर भुगतान करता है। इसी तरह गंगा उस पार के बलिया के गांव नौरंगा, जवही, परानपुर सोमाली व शिवपुर दीयर नंबरी में आरा भोजपुर की ओर से विद्युत आपूर्ति होती है, लेकिन मीटर बलिया के बिजली विभाग की ओर से लगाया गया है।
इन गांवों के बिल का भुगतान भी जनपद स्तर पर खपत के हिसाब से मासिक किया जाता है। भुगतान में विलंब या लापरवाही पर दोनों तरफ से बिजली बाधित कर दी जाती है। ऐसा कई बार हो चुका है।
नदी पार के गांवों के लिए वर्ष 2011 में हुआ था समझौता
सिताबदियारा क्षेत्र में यूपी की ओर से बिहार के गांवों को वर्ष 2011 से बिजली दी जा रही है। ये गांव सरयू के इस पार बलिया की सीमा से सटे हैं। नदी के कारण यहां बिहार की ओर से बिजली नहीं आ पाती है। 11 अक्टूबर जेपी जयंती के दिन सिताबदियारा में राजनीतिक जामावड़ा होने पर इसका हल निकला और नदी पार के गांवों में एक समझौते के तहत विद्युत आपूर्ति की जाने लगी।
विद्युत वितरण खंड चतुर्थ अधिशासी अभियंता एएच सिद्धीकी के अनुसार, जनपद के जयप्रकाशनगर विद्युत उपकेंद्र की से बिहार के गांवों को बिजली दी जाती है। उसी तरह गंगा उस पार जिले के भी कुछ गांव हैं, जहां बिहार की ओर बिजली दी जाती है। बिल भुगतान समय से होता है। बिहार के अधिकारियों से वार्ता के बाद जिले के गांव नौरंगा में भी आपूर्ति बहाल करा दी गई है। आगे कोई दिक्कत नहीं होगी।
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