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    यूपी में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर नया नियम, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट समेत इन मानकों का करना होगा पालन

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 09:53 AM (IST)

    Tractor Trolley New Rules ट्रैक्टर-ट्राली से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब ट्रैक्टर-ट्राली के पंजीकरण और निर्माण के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं। ट्राली पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग में ट्राली निर्माताओं का पंजीयन कराना होगा और निर्माण के लिए दिए गए मानकों का पालन करना होगा।

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    यूपी में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर नया नियम, इन मानकों का करना होगा पालन

    जागरण संवाददाता बलिया। सड़कों को बेधड़क दौड़ रहे ट्रैक्टर ट्राली से अब तक कई जाने जा चुकी हैं। बच्चे जहां अनाथ हो गए हैं तो वहीं महिलाओं का सुहाग समय से पहले छिन गया गया है। तमाम कोशिश और कार्रवाई के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लगा पाया है। इस तरह के हादसों पर रोक लगान के लिए शासन की ओर से सख्त गाइडलाइन जारी किया गया है।

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    अब ट्रैक्टर-ट्राली के पंजीकरण, निर्माण को लेकर पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। मोटरयान अधिनियम- 1988 और केंद्रीय मोटरयान नियमावली- 1989 के प्रविधानों के अनुरूप ट्राली पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग में ट्राली निर्माताओं का पंजीयन कराना होगा। इसके निर्माण के लिए दिए गए मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा।

    ट्राली तैयार करने का होगा मानक

    उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली- 1998 के नियम-172 के तहत पंजीकरण कराने पर परिवहन विभाग की ओर से चार अंकों का कोड मिलेगा, जो उनके उत्पादों पर अंकित होगा। ट्राली निर्माण में सड़क सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

    स्थानीय निर्माताओं को एआइएस- 112 में निर्धारित मॉडल आर-2, आर-3, और आर-4 के मानकों का पालन करना होगा। इनमें डबल एक्सल ट्रालियों को प्राथमिकता दी गई है और सिंगल एक्सल ट्रालियों का निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। ट्रॉली की तकनीकी विशेषताओं जैसे लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और वजन की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है। उदाहरण के तौर पर आर-3 मॉडल ट्राली की लंबाई 6.7 मीटर और चौड़ाई 2.5 मीटर तक सीमित होगी।

    पंजीकरण और निर्माण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना

    नए नियमों के तहत ट्राली निर्माताओं को होमोलोगेशन पोर्टल पर अपने उत्पादों का विवरण अपलोड करना होगा। पंजीकरण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्राली केवल कृषि कार्यों के लिए ही उपयोग में लाई जाए। जानकारों का मानना है कि इन मानकों से दुर्घटनाओं में कमी आएगी और सड़क पर ट्राली का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित हो सकेगा।

    परिवहन विभाग के अनुसार ब्रेकिंग सिस्टम और ट्राली निर्माण में सुधार के लिए आगे भी अध्ययन जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त निर्माताओं को विशेष प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सुरक्षा मानकों के पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

    पंजीकरण प्रक्रिया और मानक

    • ट्राली निर्माता/डीलर द्वारा जारी बिल
    • रोड वर्दीनेस सर्टिफिकेट (फार्म 22)
    • वाहन स्वामी का पता प्रमाण
    • ट्राली का वजन प्रमाणपत्र (धर्मकांटे की पर्ची)
    • वैध बीमा प्रमाणपत्र

    ट्राली निर्माण में इन मानकों का पालन अनिवार्य

    • ट्राली में रियर और साइड अंडर प्रोटेक्शन डिवाइस लगाना
    • रिफ्लेक्टिव टेप और कंटूर मार्किंग
    • ब्रेकिंग सिस्टम के लिए विस्तृत अध्ययन और मानक सुनिश्चित करना

    एआरटीओ बलिया, अरुण कुमार राय ने बताया

    ट्राली के लिए भी एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने की कवायद शासन की ओर से चल रही है। इससे जुड़ा शासनादेश प्राप्त हो गया है। निर्माताओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। शासन के दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। मानक निर्धारित होने से सड़क दुर्घटना में काफी कमी आएगी।

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