पूरे साल लाखों आंखें करती हैं बेसब्री से प्रतीक्षा
रसड़ा (बलिया) रसड़ा की सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रामलीला की तैयारियां जोरों पर की जा रही हैं। इस क्रम में श्रीनाथ मठ स्थित रामलीला मैदान में अध्योध्या अशोक वाटिका लंका आदि की रंगाई-पुताई तथा सीढियों की मरम्मत का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस बार मेले में मारूती सर्कस जादूगर विष कन्या आधुनिक व बड़ी चर्खियां आधुनिक दुकानें आदि आकर्षण का केंद्र बिदु होंगी। 2
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : रसड़ा की सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रामलीला की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस क्रम में श्रीनाथ मठ स्थित रामलीला मैदान में अयोध्या, अशोक वाटिका, लंका आदि की रंगाई-पोताई तथा सीढि़यों की मरम्मत का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस बार मेले में मारुति सर्कस, जादूगर, विष कन्या, आधुनिक व बड़ी चर्खियां, आधुनिक दुकानें आदि आकर्षण का केंद्र बिदु होंगी। 28 सितंबर से प्रारंभ होकर 22 अक्टूबर तक चलने वाले इस रामलीला को सफल बनाने के लिए मेला कमेटी द्वारा इस दिशा में दिन-रात एक कर दिया गया है।
रसड़ा की रामलीला संपूर्ण भारत में रामनगर वाराणसी के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां मेला मैदान तथा मेले में मनोरंजन व सभी प्रकार की दुकानों के अलावा रामलीला मैदान में राम-रावण के बीच युद्ध, सुलोचना सती, सीताहरण, लंका दहन, रावण का वध के सजीव मंचन का दृश्य लाखों दर्शकों को अपनी ओ आकर्षित करता है जिसे देखने के लिए लाखों आंखे बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करती हैं। इस बार की रामलीला में 28 सितंबर को श्रीराम वन गमन, 29 को श्रीरामचंद्र का गंगा पार जाना (घिरनई), 30 को कोलभिल मिलन, एक अक्टूबर को भरत मनावन, दो को मुनि मिलन, जयंता का अंग-भंग, तीन को शूर्पणखा का नाक-कान काटना, खरदूषण वध, चार को सीताहरण, जटाऊ मुक्ति वध, पांच को श्रीराम-सेवरी मिलन, श्रीहनुमानजी से भेंट, बाली सुग्रीव लड़ाई, अक्षय कुमार वध, लंकादहन, छह को राम विभिषण संवाद, रामेश्वर की स्थापना, रावण अंगद संवाद, चार फाटक की लड़ाई, लक्ष्मण शक्तिबाण, सुलोचना सत्ती, सात को कुंभकरण व अहिरावण का वध, आठ को रावण वध (विजयदशमी), नौ को विभीषण का राजतिलक, सीताजी का अग्नि परीक्षा, 10 को महावीरी झंडा व भरत मिलाप, 13 को श्रीरामचंद्र जी का राजतिलक (राजगद्दी), 15 को श्रीराम का राज्य भ्रमण तथा 22 को महावीर पूजा के साथ रसड़ा की ऐतिहासिक रामलीला का समापन हो जायेगा।
रामलीला की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां की सीढि़यों पर एक साथ एक लाख से अधिक महिलाएं व पुरूष बैठ कर रामलीला की जीवंतता की मनमोहक छटा को देखते हैं जो स्वयं में एक आकर्षण का केंद्र बिदु बना रहता है। इस सुप्रसिद्ध मेले को देखने के लिए बलिया ही नहीं अपितु गाजीपुर, मऊ सहित अन्य जनपदों के हजारों नर-नारी आते हैं। इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष जेपी जायसवाल, कार्यवाहक अध्यक्ष त्रिलोकी सोनी, लीला प्रभारी टुना बाबा, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल, संजय जायसवाल आदि मेला तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इस मेला को सफल बनाना मेला कमेटी के साथ-साथ नगर पालिका व पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण होता है क्यों कि लाखों की जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करना तथा मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, प्रकाश, सुरक्षा आदि काफी महत्वपूर्ण रहता है।