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    UP: बलिया के देवकली गांव को दिया स्वावलंबन का मंत्र, प्रधान अंजली राय ने विकास संग आत्मनिर्भरता से दी नई पहचान

    By Jagran NewsEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 06:55 PM (IST)

    नाली-खड़ंजा पक्की सड़क बिजली साफ-सफाई सिंचाई की सुविधा गांव के लोगों के लिए दूर की कौड़ी थी। फिर 2021 में ग्राम पंचायत चुनाव हुए और देवकली के लोगों ने एमए तक पढ़ीं अंजली राय पर भरोसा जताया और अपना मत उन्हें गांव के विकास की बागडोर उन्हें सौंप दी। हालांकि ग्रामीणों को इसके बाद निराश नहीं होना पड़ा। उन्हें दो साल में ही फर्क भी दिखाई देने लगा।

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    बलिया के देवकली गांव को दिया स्वावलंबन का मंत्र, प्रधान अंजली राय ने विकास संग आत्मनिर्भरता से दी नई पहचान

    समीर तिवारी, बलिया। इच्छाशक्ति हो तो कोई काम नामुमकिन नहीं। इसे साबित कर दिखाया है शहर से सटे हनुमानगंज विकास खंड के देवकली गांव की प्रधान अंजली राय और वहां के लोगों ने। बहुत वक्त नहीं बीता जब देवकली में भी समस्याओं का अंबार था।

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    नाली-खड़ंजा, पक्की सड़क, बिजली, साफ-सफाई, सिंचाई की सुविधा गांव के लोगों के लिए दूर की कौड़ी थी। फिर 2021 में ग्राम पंचायत के चुनाव हुए और देवकली के लोगों ने एमए तक पढ़ीं अंजली राय पर भरोसा जताया और अपना मत उन्हें गांव के विकास की बागडोर उन्हें सौंप दी। उन्हें निराश भी नहीं होना पड़ा और दो वर्षों के भीतर ही फर्क दिखने लगा है।

    अंजली ने न सिर्फ गांव और ग्रामीणों की मूलभूत जरूरतों व सुविधाओं का खयाल रखा, जनहित व सामाजिक मुद्दों को भी नजरों से ओझल नहीं होने दिया।

    पूरे जिले का यह पहला गांव है, जहां जलकुंभी से जैविक खाद तैयार की गई। उसकी बिक्री से पंचायत को आय बढ़ी।

    यह पैसा विकास के दूसरे कामों में लगाया गया। गांव का खूबसूरत पंचायत भवन, सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल, टाइल्स व डेस्क-बेंच, वाई-फाई की सुविधा शहर का अहसास दिलाती है।

    समस्या को बनाया आय का साधन

    सुरहा ताल एवं गंगा नदी को जोड़ने वाले कटहल नाले के दोनों तरफ बसे गांवों के लिए जलकुंभी जलनिकासी के लिए बड़ी समस्या हैं।

    इसके निदान के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा के तहत नाले की साफ-सफाई के लिए जलकुंभी को पूरी तरह निकालने का योजना बनाई।

    अंजली ने जलकुंभी से जैविक खाद बनाने का फैसला किया। जलकुंभी को कंपोस्ट पिट (गड्ढे) में भरकर गोबर का 25 प्रतिशत अंश मिलाकर छोड़ दिया गया।

    अलग-अलग गड्ढे महिला स्वयं सहायता समूहों को आवंटित कर दिए गए जिनकी उन्हें देखभाल करनी थी। 90 दिनों में खाद तैयार हो गई।

    प्रयास से इस वर्ष जनवरी में देवकली गांव में 25 क्विंटल खाद तैयार हुई। वन विभाग की पांच नर्सरियों में इसकी आपूर्ति की गई।

    इससे ग्राम पंचायत को 13 रुपये प्रति किलो की दर से 32,500 रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों एवं ग्राम पंचायत को आर्थिक बल मिला। आगे भी यह कार्य चलता रहेगा। अब यह जैविक खाद किसानों को भी बेचने की तैयारी है।

    जल संरक्षण की मिसाल बना बाबा दरबार

    देवकली गांव स्थित अति प्राचीन विमलेश्वर नाथ महादेव मंदिर आज आस्था के साथ जल संरक्षण की मिसाल बन गया है।

    एक साल पहले तक बाबा को चढ़ाने वाला जल सड़क पर बहता था। अंजली राय ने मंदिर के पास दो सोख्तों का निर्माण कराया है। मंदिर के ठीक सामने स्थित प्राचीन कुएं का जीर्णोद्धार भी कराया।

    अब लोग कुएं का पानी पीने लगे हैं। इसके अलावा जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण चल रहा है। गांव का अमृत सरोवर भी निखर गया है।

    जलजमाव से मिली मुक्ति, आरसीसी सड़कों से राहत

    ग्राम पंचायत में जलजमाव की भीषण समस्या थी। कच्ची सड़कें कीचड़ में सनी रहती थीं। अब इस समस्या का भी निदान हो चुका है।

    सड़क पर पानी जमा न हो, इसके लिए गांव में कई नालियों का निर्माण कराया। ग्राम पंचायत का पानी कटहल नाले तक पहुंचाने के लिए अलग से बड़ी पाइप लाइन बिछाई गई है।

    गांव में आरसीसी सड़कें और रात में स्ट्रीट लाइटों की रोशनी से जगमग गांव किसी शहर जैसा अहसास कराता है।

    शासन की हर योजना का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का पूरा प्रयास रहता है। ग्रामीणों से राय-मशविरा कर विकास कार्य कराए जाते हैं। अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। देवकली को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने का लक्ष्य है। - अंजली राय, ग्राम प्रधान, देवकली, बलिया