हार्वेस्टर संचालकों को राहत, सुपर एसएमएस की बाध्यता खत्म
जागरण संवाददाता बलिया शासन ने हार्वेस्टर संचालकों को सुपर एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम)
जागरण संवाददाता, बलिया : शासन ने हार्वेस्टर संचालकों को सुपर एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) की बाध्यता से मुक्त कर दिया है। अब पराली निस्तारण के लिए अन्य वैकल्पिक यंत्रों का प्रयोग आवश्यक होगा। शासन के नए आदेश के लागू होने से जिले के करीब तीन सौ कंबाइन संचालकों को लाभ मिलेगा। नए आदेश के मुताबिक यदि कोई किसान बिना पराली हटाए ही रबी की बुआई सीड ड्रील, हैपी सीडर या सुपर सीडर से करना चाहता है या फिर पराली का डीकम्पोजर करना चाहता है तो उसे हार्वेस्टर स्वामियों को इसका घोषणा-पत्र देना होगा। प्रशासन ने नए आदेश के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
खेतों में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने हार्वेस्टर मशीनों में सुपर एसएमएस लगाना अनिवार्य किया था। पिछले सत्र में इसे सख्ती से लागू करने की वजह से कंबाइन संचालक काफी परेशान थे। सुपर एसएमएस लगाने से बढ़ने वाली लागत व किसानों पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ का हवाला देते हुए जनप्रतिनिधियों व विभिन्न किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर सहूलियत मांगी थी।
ये होगा विकल्प
सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में सरकार ने हार्वेस्टर संचालकों को फसल अवशेष प्रबंधन के रूप में यंत्रों के प्रयोग की अनुमति दी है। इसके तहत कंबाइन संचालक स्ट्रा रीपर, स्ट्रा वेलर, मल्चर, पैड़ी स्ट्रा चापर, श्रव मास्टर, रोटरी श्लेसर व रिवर्सिबुल एमबी प्लाऊ का प्रयोग कंबाइन के साथ कर सकते हैं। इन यंत्रों के प्रयोग से खेत में फसल अवशेष का बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सकता है या काट कर मिट़्टी में मिलाया जा सकता है। गौरतलब है कि अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने 24 सितंबर को आदेश जारी कर हार्वेस्टर संचालकों को राहत देने की घोषणा की थी।
वर्जन
नए शासनादेश के तहत कटाई के समय कंबाइन मशीनों के साथ एसएमएस लगाने की बाध्यता तो समाप्त कर दी गई है लेकिन पराली निस्तारण के लिए वैकल्पिक मशीनों का उपयोग जरूरी होगा। इसका प्रयोग न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इंद्राज, उपनिदेशक कृषि
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