बिना दक्ष गुरु के गायत्री मंत्र नहीं होता फलित
जागरण संवाददाता बलिया महावीर घाट स्थित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में रविवार को आचार्य

जागरण संवाददाता, बलिया : महावीर घाट स्थित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में रविवार को आचार्य डा. गायत्री किशोर त्रिवेदी ने कहा कि गायत्री मंत्र को जीवन में उतारने के लिए दक्ष गुरु की आवश्यकता पड़ती है। बिना गुरु के गायत्री मंत्र फलित नहीं होता है। गायत्री महाविद्या के अध्ययन से ही मानव के सभी संस्कारों को जागृत किया जाता है। साधक के जीवन में ज्ञान व सद्भाव की वृद्धि हो और पशुता के बंधन अज्ञान, अभाव, आसक्ति का पूरी तरह से समापन हो जाए। आचार्य श्रीराम शर्मा ने गायत्री महाविद्या को जन-जन में प्रतिष्ठित करने के लिए अपने संपूर्ण जीवन को लगा दिया। कहा कि समाज की खुशहाली के लिए नर-नारी दोनों की जरुरत पड़ती है। अकेले दोनों ही अपूर्ण हैं। अपूर्णता में पूर्णता का प्रतीक कलश यात्रा है। किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए सभी जाति, संप्रदाय की आवश्यकता होती है। जब तक हम सभी एक नहीं होंगे समाज के कार्यों को पूर्ण गति नहीं दे सकते। इस मौके पर आचार्य श्रीहरि चौधरी, दिनेश पटेल, दयानंद शिववंशी, मनीष व भूषण आदि मौजूद थे।
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आज होगा यज्ञ व संस्कार
महावीर घाट स्थित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को सुबह आठ बजे से यज्ञ प्रारंभ होगा। इस दौरान विभिन्न संस्कार भी किए जाएंगे। प्रमुख विजेंद्र नाथ चौबे ने बताया कि यज्ञ के दौरान बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार आदि होंगे। शाम को दीप यज्ञ भी होगा।
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