रोक के बाद भी खेतों में जला रहे पराली
जागरण संवाददाता पूर (बलिया) खेतों में पराली नहीं जलाने के शासनादेश का असर ग्रामीण क्षेत्र

जागरण संवाददाता, पूर (बलिया) : खेतों में पराली नहीं जलाने के शासनादेश का असर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी नहीं दिख रहा है। जबकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बार-बार अधिकारियों द्वारा भी इस पर रोक लगाने दिशानिर्देश दिया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों की राय है कि खेत में कुछ ऐसे मित्र कीट होते हैं जो खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं जिससे किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त होती है। यह सब जानने के बाद भी कतिपय किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने का सिलसिला जारी है। सोमवार की शाम खेजुरी थाने से 200 गज की दूरी पर एक किसान पराली जला रहा था फिर भी इसे अनदेखी कर दिया गया। जबकि उपजिलाधिकारी सिकंदरपुर प्रशांत नायक का सख्त निर्देश है कि कहीं पराली जले तो संबंधित लेखपाल तत्काल इसकी रिपोर्ट करें ताकि कार्रवाई की जा सके।
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