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    बलिया के इन इलाकों में बिना रजिस्ट्रेशन नहीं चलेंगे ई-रिक्शा, उपजिलाधिकारी ने बैठक में लिया गया फैसला

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 10:31 AM (IST)

    बैरिया नगर पंचायत क्षेत्र में अब बिना पंजीकरण के ई-रिक्शा नहीं चलेंगे। उपजिलाधिकारी सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में येलो जोन ब्लू जोन और ग्रीन जोन बनाए गए हैं। ग्रीन जोन में सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन से बैरिया तक ब्लू जोन में बैरिया बस स्टैंड से चिरैया मोड़ धतूरी टोला तक ई-रिक्शा चलेंगे। अभी तक 73 पास जारी किए गए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर (फोटो- जागरण)

    संवाद सूत्र, बैरिया। अब बिना पंजीकरण नगर पंचायत क्षेत्र में ई रिक्शा का परिचालन नहीं होगा। बिना पंजीकरण वाले ई रिक्शा अगर नगर पंचायत क्षेत्र में चलते पाए गए तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।

    यह निर्णय शनिवार को उपजिलाधिकारी बैरिया सुनील कुमार की अध्यक्षता में अधिशासी अधिकारी नौशाद आलम, कोतवाल रामायण सिंह व ई रिक्शा चालकों के साथ बैठक में लिया गया। बैठक में येलो जोन, ब्लू जोन व ग्रीन जोन बनाए गए हैं। ग्रीन जोन में सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन से बैरिया तक ई रिक्शा चलेंगे। जबकि ब्लू जोन में बैरिया बस स्टैंड से चिरैया मोड़, लालगंज, हल्दी, रेवती तक ई रिक्शा का परिचालन होगा।

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    जारी किए गए 73 पास

    यलो जोन में काली मंदिर से मांझी घाट, जयप्रकाश नगर, दोकटी, दलन छपरा व धतूरी टोला तक ई रिक्शा का परिचालन होगा। इसके लिए उन्हें ग्रीन, ब्लू व येलो जोन पास जारी किया गया है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि अभी तक 73 पास जारी किए गए हैं।

    जबकि ग्रीन जोन में 149, ब्लू जोन में 84 और यलो जोन में 43 ई रिक्शा चलाने के लिए पंजीकरण हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। ई रिक्शा पर रेडियम लगाने सहित अन्य ट्रैफिक नियमों को पालन करने की जानकारी ई रिक्शा चालकों को उपलब्ध कराई जाएगी। सैकड़ों ई रिक्शा चालक भी बैठक में मौजूद रहे।

    रेलवे क्रासिंग का दूसरा हिस्सा खोलने को लेकर मंथन

    जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार बलिया नगर में हो रहे जाम और चौराहों के सौंदर्यीकरण को लेकर काफी चितिंत हैं। उनका कहना है कि शहर को हर हाल में विकसित कर सुंदर बनाया जाएगा। इसके लिए उनकी ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रेल मंत्रालय को दूसरी बार पत्र भेजने के बाद शनिवार को पूरी टीम मौके पर पहुंची। जिलाधिकारी स्वयं रेलवे के इंजीनियरिंग टीम के साथ मौके का जायजा लिया।

    उन्होंने बंद मार्ग को खोलने को लेकर जल्द ही योजना तैयार करने का निर्देश दिया। शहर में सर्वाधिक जाम रहने वाले चित्तू पांडेय चौराहा- रेलवे क्रासिंग- रोडवेज मार्ग पर आरओबी के नीचे बांई ओर की सड़क बनने के बावजूद रेलवे की बाउंड्रीवाल डबल लाइन में बाधक बनी है। इसको लेकर शनिवार को डीएम के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रेन परिचालन और रेलवे क्रासिंग की चौड़ाई के मुताबिक मौका- मुआयना किया लेकिन क्रासिंग को चौड़ा करने को लेकर रेलवे की सहमति नहीं बन पाई।

    प्रशासन की मंशा है कि क्रासिंग की चौड़ाई बढ़ाकर गांधी आश्रम चित्तू पांडेय चौराहा से क्रासिंग पार बनी नई सड़क से जोड़कर डबल लाइन की जाय। जबकि क्रािसंग के बीच में डिवाइडर बनाकर ओवरब्रिज की लंबाई को देखते हुए बूम को दो भाग में लगाना चाहिए। लेकिन रेल अधिकारियों का कहना है कि क्रासिंग की चौड़ाई बढ़ाने से रेलवे की संरक्षा सेवाएं प्रभावित होंगी। हालांकि डीएम ने हर स्तर से प्रयास कर इस प्रोजेक्ट को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए है।

    इसको लेकर रेलवे की इंजीनियरिंग टीम वाराणसी कंट्रोल के साथ मंथन में जुटी है। इस मौके पर सीआरओ त्रिभुवन, ईओ सुभाष कुमार, रेलवे के वरिष्ठ स्टेशन प्रबंधक संजय सिंह, सेक्शन इंजीनियर (कार्य) बीपी सिंह आदि थे।

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