UP: गौमाता से लौटेगा खेतों का सोना! इस जिले के 10 गांवों में शुरू होगी 500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती
बलिया जिले के बेलहरी ब्लॉक में गंगा किनारे 10 गांवों में गौ-आधारित खेती की शुरुआत की जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य गौ पालन को बढ़ावा देना और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करना है। 500 हेक्टेयर भूमि पर क्लस्टर के हिसाब से खेती होगी जिसके लिए सरकार किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी। खरीफ फसल की तैयारी चल रही है।

जागरण संवाददाता, बलिया। बेलहरी ब्लाक में गंगा किनारे के 10 किलोमीटर की परिधि में गौ आधारित खेती के लिए 10 गांव का चयन किया गया है। 500 हेक्टेयर में गौ आधारित खेती की जाएगी। केंद्र सरकार की यह योजना गांव में गौ पालन को बढ़ावा देने, रासायनिक खाद के प्रयोग के बदले स्वदेशी गाय के गोमूत्र से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है।
ताकि किसानों को रसायन युक्त खेती से मुक्ति मिल सके तथा खेतों की पुरानी उर्वरा शक्ति पुनः वापस मिल सके। साथ ही किसानों को रसायन मुक्त अन्न का उचित लाभ प्राप्त हो सके। यह जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती के प्रभारी दिनेश कुमार ने बतलाया है कि 10 गांव में 500 हेक्टेयर में क्लस्टर के हिसाब से खेती होनी है।
एक क्लस्टर में 50 एकड़ क्षेत्रफल शामिल किया गया है। जहां पर प्राकृतिक खेती के लिए 50 एकड़ क्षेत्रफल उपलब्ध नहीं है वहां पर दो ग्राम पंचायत को संयुक्त रूप से एक क्लस्टर बनाकर शामिल किया गया है। प्राकृतिक खेती के लिए सीता कुंड, जवहीदीयर, सोनवानी, पियरौटा, स्वतंत्र रूप से चुना गया है।
वहीं क्षेत्रफल कम होने के कारण या किसानों के आगे नहीं आने के कारण सुल्तानपुर व परसिया, बादिलपुर व भरखोखा, नीरूपुर व पिंडारी, कृपालपुर व पुरास, कठही व शुक्लछपरा, दूधैला व दिधार गांव का चयनित किया गया है। प्राकृतिक खेती की योजना दो वर्षों तक संचालित होगी। जिसमें सरकार द्वारा प्रति एकड़ चार हजार प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जाएगी। खरीफ फसल की जोताई की तैयारी चल रही है।
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