बलिया जिले में परिषदीय स्कूलों का हाल बेहाल, बच्चों की सुरक्षा की स्थिति और भी बदहाल
विद्यालय के ऊपर से गुजर रहा हाई टेंशन तार हर समय रहता है खतरा। स्कूल से जब तक बच्चे घर वापस नहीं आते हैं तब तक बढ़ी रहती धड़कन। एक स्कूल के मैदान से गुजर रहा हाई टेंशन तार खतरे की आशंका तो वहीं स्कूलों में बालक-बालिकाओं के शौचालय की पहचान मुश्किल।
जागरण संवाददाता, बलिया। कई परिषदीय स्कूलों में नौनिहालों की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं है। अभिभावक उन्हें स्कूल भेज तो देते हैं लेकिन जब तक वह घर वापस नहीं आ जाते हैं तब तक उनकी चिंता बनी रहती है। बुधवार को जागरण टीम ठीक 10:30 बजे नगरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय तियारा हैदरपुर पहुंची। स्कूल के बाहर खड़े गांव के रवींद्र यादव से मुलाकात हुई।
उनके बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं। उनका कहना है कि स्कूल के ऊपर से गुजर रहा हाई टेंशन तार सबसे बड़ा खतरा है। सुबह जब बच्चे को स्कूल भेजते हैं, वह जब तक वह वापस नहीं आ जाता है तब तक उसकी राह हम- सब निहारते रहते हैं। हवा तेज होने पर कई बार तार से चिंगारी निकलने लगती है। इससे हर समय खतरा रहता है। विद्यालय में 132 नौनिहाल पढ़ाई करते हैं। शिक्षक भी बच्चों को लेकर हर समय सहमे रहते हैं।
बाउंड्री के अभाव में कंपोजिट विद्यालय में पसर जाती गंदगी
बांसडीह के कंपोजिट विद्यालय मंगलपुरा का निर्माण 1996 में कराया गया था। भवन के निर्माण पर दस लाख रुपये खर्च हुए थे लेकिन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है। परिसर में नए कुछ एक व दो कक्षीय भवनों का भी निर्माण करा दिया गया है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया जा सका है। इसके लिए अभी तक शासन से बजट नहीं मिला है। विद्यालय में 243 बच्चों का पंजीयन है। बाउंड्री नहीं होने से नौनिहालों के लिए खतरा बना रहता है। कंपाेजिट विद्यालय होने के कारण छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक चिंता रहती है। खिड़कियां पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। गांव के चंद्रमा प्रसाद शर्मा बताते हैं कि भवन जर्जर हो चुका।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता सताए रहती है। शौचालय है लेकिन एक ही कंपाउंड में होने से बेटियों को दिक्कत होती है। विद्यालय का सबमर्सिबल पंप एक माह बंद पड़ा है। पेयजल के लिए बच्चों को बाहर जाना होता है। बच्चों के लिए अलग से कोई खेल मैदान नहीं है। परिसर में बच्चे खेलते हैं। प्रधानाचार्य हरिशंकर का कहना है कि भवन एवं बाउंड्रीवाल के लिए पत्र भेजा गया है। अभी तक इसके लिए कोई बजट नहीं मिला है।
स्कूल जाने के लिए सिर्फ पगडंडी
नगरा ब्लाक के कोठिया प्राथमिक विद्यालय में जागरण टीम 11.30 बजे पहुंची। बताया किया कि भवन का निर्माण 2003 में कराया गया है। भवन तो ठीक है लेकिन फर्श कहीं-कहीं खराब थे। भवन निर्माण पर 11 लाख रुपये खर्च किए गए थे। दीवार में कई जगह दरार है लेकिन पेंटिंग होने से वह छिप गई है। शौचालय है लेकिन बालक एवं बालिका का उल्लेख नहीं किया गया है। खेत की पगडंडी से ही विद्यार्थी विद्यालय पहुंचते हैं। हल्की बारिश होने पर रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है। बच्चे गिरकर चोटिल हो जाते हैं। विद्यालय की प्रधानाध्यापक विमला देवी ने बताया कि शिक्षकों को भी विद्यालय आने में दिक्कत होती है। विद्यालय में 125 बच्चों का नामांकन है। इसके सापेक्ष 65 बच्चों की उपस्थिति थी। रास्ते के लिए खंड शिक्षाधिकारी, एसडीएम को अभिभावकों ने कई बार पत्र दिया, लेकिन अभी तक हल नहीं निकल सका है। गांव के लोगों ने बताया कि रास्ते की जमीन सरकारी है, लेकिन उस पर दूसरे लोग कब्जा जमा रखे हैं। वह रास्ता नहीं निकलने देना चाह रहे हैं। अभिभावक राजेश व भूपेश ने बताया कि तहसील के अधिकारी यदि इसे गंभीरता से लें तो समस्या का निदान हो सकता है। विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है। बिजली, पानी और शौचालय आदि की व्यवस्था ठीक है।
-नगरा के तियारा हैदरपुर प्राथमिक विद्यालय के ऊपर से गुजर रहे तार को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराया गया है। बजट आने के बाद इसे दूसरे रूट से ले जाया जाएगा।
-अशोक कुमार, एसडीओ, विद्युत उपकेंद्र, नगरा।
विद्यालय के ऊपर से गुजर रहे तार को लेकर हर समय खतरा बना रहता है। इसको हटाने के लिए कई बार पत्र भेजा गया, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
-दुर्गेश कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय तियरा हैदरपुर, नगरा।
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