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    राणा की पुतली फिरी नहीं, तबतक चेतक मुड़ जाता था..

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 24 Nov 2021 06:21 PM (IST)

    जागरण संवाददाता बलिया रण बीच चौकड़ी भर भर कर चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप क

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    राणा की पुतली फिरी नहीं, तबतक चेतक मुड़ जाता था..

    जागरण संवाददाता, बलिया : रण बीच चौकड़ी भर भर कर, चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था..राणा की पुतली फिरी नहीं, तबतक चेतक मुड़ जाता था.. उक्त पंक्तियां बुधवार को बलिया के ऐतिहासिक चेतक प्रतियोगिता (कदमताल) में देखने को मिलीं। यूपी और बिहार के घुड़सवारों के बीच कड़ा मुकाबला दिखाई पड़ा। भले ही यह रेस घोड़ों की थी, लेकिन जीत उत्साह की हुई है। बुधवार को नंदी ग्राम में करीब 20 हजार लोगों ने घुड़सवारी का गजब रोमांच देखा। सिर्फ लीग मैच ही नहीं, फाइनल मुकाबले में भी बिहार के घुड़सवारों ने बढ़त बनाए रखी। पहला और दूसरा पुरस्कार मुजफ्फरपुर (बिहार) के झोली में गिरा, जबकि तीसरा स्थान तसाड़ी पटना (बिहार) के घुड़सवार को मिला। प्रशासन को फाइनल राउंड में विवाद की स्थिति से भी निपटना पड़ा।

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    दोपहर करीब 1.50 बजे लीग मैच शुरू हुए। कुल 28 घुड़सवार हिस्सा लिए। चार लीग मैच हुए। हर मैच में सात प्रतिस्पर्धियों ने हिस्सा लिया। हर लीग मैच तीन किलोमीटर का था, जबकि फाइनल राउंड चार किलोमीटर का। प्रत्येक लीग मैच में प्रथम व द्वितीय स्थान पाने वाले घुड़सवारों को फाइनल में जगह दी गई। चारों मैच से कुल आठ घुड़सवार फाइनल मुकाबले में हिस्सा लिए, लेकिन विवाद की स्थिति बन गई। कारण कि इस मुकाबले में चार राउंड पूरा करना था, लेकिन छह घुड़सवारों ने सिर्फ तीन फेरा लगाकर ही रेस खत्म कर दिया, जिन दो लोगों ने चारों फेरा पूरा किया था, वह जीत की दावेदारी करने लगे। निर्णायक मंडल को बीच-बचाव करना पड़ा। लंबी बहस हुई। पुलिस अफसर भी आगे आए। भीड़ आक्रोशित होने लगी। दोबारा मुकाबला हुआ, इसमें मुजफ्फरपुर के बादल (अश्व का नाम) और राजू (अश्व का नाम) ने क्रमश: पहला व दूसरा स्थान प्राप्त किया। पटना का बागी (अश्व का नाम) घोड़ा तीसरे स्थान पर रहा। बक्सर के घुड़सवार हरेराम यादव को सांत्वना पुरस्कार दिया गया, उनका घोड़ा चौथे स्थान पर रहा। प्रतियोगिता में बोल्ट व सुल्तान जैसे अश्व को मैदान में उतारा गया था, लेकिन बाजी इन तीनों घोड़ों ने मार ली। ----------------

    प्रतियोगिता में किस कौन सा स्थान मिला

    1 : बादल (4 वर्ष उम्र)

    अजय कुमार घोड़ा मालिक

    दीपक कुमार घुड़सवार

    मुजफ्फरपुर 2 : राजू (6 माह उम्र)

    अजय कुमार घोड़ा मालिक

    विकास कुमार घड़सवार

    मुजफ्फरपुर 3 : बागी (2.6 वर्ष)

    मुन्ना सिंह : घोड़ा मालिक

    शंभू : घुड़सवार

    पटना

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    पांव से बह रहा था खून, फिर भी दौड़ा मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस घोड़ा मालिक अजय कुमार ने बताया कि ढाई वर्ष का बादल पहली बार मुकाबले में उतरा था। इसके पहले वह कभी प्रतिस्पर्धा नहीं झेला था। ददरी मेला में करीब 20 दिनों से कसरत चल रही थी। फाइनल मुकाबले में दूसरा स्थान पाने वाले अश्व राजू उर्फ मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस के पांव में मुकाबले के दौरान चोट लग गई थी। खून बह रहा था, फिर भी वह दौड़ता रहा, लेकिन वह इस बार दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह पहला खिताब जीतेगा। क्योंकि इसके पहले वह वर्ष 2016 से 2018 तक तीन बार चेतक प्रतियोगिता जीत चुका है, यह उसकी चौथी विजय है।

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