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    बलिया से नोएडा तक आठ लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण रद होने से लोग उदास, व्यापार-रोजगार को लगा बड़ा झटका

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 05:09 PM (IST)

    बलिया के लिए प्रस्तावित आठ लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण रद्द कर दिया गया है। अब लोगों को गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट फोरलेन एक्सप्रेसवे से ही संतोष करना होगा। सरकार का कहना है कि गंगा एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जनता को लाभ मिलेगा। वहीं, व्यापारियों और सांसद ने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और पुनर्विचार की मांग की है। आठ लेन एक्सप्रेसवे से व्यापार को बढ़ावा मिलता।

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    जागरण संवाददाता, बलिया। ग्रेटर नोएडा से बलिया तक आठ लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण अब नहीं होगा। गत शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है।

    प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को एक्सप्रेसवे का निर्माण कराने वाली कंपनी को 3,26,96,764 रुपये की राशि वापस करने के निर्देश दिए गए हैं।

    ऐसे में बलिया को झटका लगा है। अब यहां के लोगों को फोरलेन गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से ही संतोष करना पड़ेगा। इसके अलावा नेशनल हाईवे-31 की सात मीटर सड़क को चौड़ीकरण 10 मीटर करने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। यदि आठ लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण होता तो यहा से लेकर दिल्ली तक वाहन फर्राटा भरते और कम समय से ज्यादा दूरी तय होती।

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    गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है जो मेरठ से प्रयागराज तक आ रहा है। यह भी गाजीपुर तक जुड़ेगा। इसके अलावा गाजीपुर से बलिया होते बिहार तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जुड़ रहा है। ऐसे में अगल-बगल ही दो एक्सप्रेसवे बनाने को कोई औचित्य नहीं है। आठ लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण न होने से कोई बहुत बड़ा झटका नहीं लगा है। गंगा एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का लाभ जनता को मिलेगा ही। इसके अलावा नेशनल हाईवे का भी चौड़ीकरण होना है।

    -दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उप्र व बलिया नगर विधायक।

    जब यह पहले से आठ लेन का प्रस्तावित था और इसको रोका जा रहा है तो यह बलिया के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां की जनता के साथ नाइंसाफी है।इसके बनने से रास्ते में पड़ने वाले जनपदों की स्थिति ही बदल जाती। चूंकि उत्तर प्रदेश हिंदुस्तान का हृदय है, ऐसे में व्यापारिक समेत अन्य दृष्टि से झटका लगा है। इस प्रोजेक्ट को रोकने का निर्णय गलत है।
    -सनातन पांडेय, सांसद, बलिया संसदीय क्षेत्र।

    अगर यह आठ लेन का एक्सप्रेसवे बनता तो बलिया के विकास में मील का पत्थर साबित होता। चूंकि बलिया उत्तर प्रदेश का पूर्व में अंतिम जिला है और बिहार से सटा है, ऐसे में यहां के व्यापारियों को दिल्ली, नोएडा जाने में काफी सहूलियत हो जाती। मैं मुख्यमंत्री से इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करता हूं।
    -अरविंद गांधी, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश।

    इसे धरातल पर उतारा जाना चाहिए था। यदि यह एक्सप्रेसवे बनता तो बहुत फायदेमंद होता। इससे व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही माल ढुलाई में कम पैसा लगता और समय की भी बचत होती। इससे सिर्फ यूपी ही नहीं, बिहार को भी लाभ मिलता।
    -सुनिल ''परख'', प्रांतीय वरिष्ठ मंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधी मंडल।