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    Ballia News: बाढ़ का पानी घटने के बाद भी तटवर्ती गांवों को राहत नहीं, 59 गांवों में संक्रमण का खतरा

    Updated: Thu, 03 Oct 2024 02:38 AM (IST)

    बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी कम होने के बाद भी ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। बाढ़ के पानी में फैले कचरे और गंदगी से दुर्गंध आ रही है और मच्छरों के प्रजनन के कारण महामारी फैलने का खतरा है। स्वास्थ्य कर्मियों को दवा छिड़काव की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन ग्रामीणों को बीमारियों के फैलने का डर सता रहा है।

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    बलिया: हल्दी क्षेत्र के भरसौता बस्ती में बाढ़ के पानी के बीच बांस का पुल बनाकर आवागमन करते बाढ़ पीड़ित।

    जागरण संवाददाता, बलिया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है। लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ प्रभावित करीब 59 गांव व टोला से बाढ़ का पानी कम होने के बाद सड़कों और गांवों के आसपास फैले कचरे व घास-पात के सड़ने के वजह दुर्गंध आ रही है। 

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    ऐसे में ग्रामीणों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने इन ग्राम पंचायतों में 59 स्वास्थ्य कर्मियों की दवा छिड़काव आदि की जिम्मेदारी सौंपी है। बावजूद इसके गांव में जगह- जगह गड्ढे में कई दिनों से रुके पानी काले पड़ गए हैं। जानकार बता रहे हैं कि यह पानी मच्छरों के प्रजनन के लिए सुरक्षित स्थान है। जैसे ही पानी और कम हुआ कि महामारी फैल जाएगी।

    बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही लोग अपने-अपने घरों में लौटने लगे है, लेकिन अपने घरों में लौट रहे लोगों का कहना है कि इलाके में मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में बीमारियों के फैलने का डर सताने लगा है। 

    बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के सड़क व गांव के किनारे फैले कचरे और शौचालय के डूबे होने के कारण अब बाढ़ का पानी उतरने के बाद सड़ांध भरी दुर्गंध से बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। 

    बाढ़ प्रभावित बाढ़ के गंदे पानी में बैक्टीरिया पैदा होते है। इससे लोगों को कई प्रकार के त्वचा रोग, डायरिया, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, मलेरिया, टाइफाइड, नेत्र व चर्म रोग जैसी बीमारियां देखने को मिल सकती है।

    बाढ़ प्रभावित इन गांवों पर है प्रशासन की नजर

    शुक्ल छपरा, जग छपरा, गरयां, धर्मपुरा, पोखरा मुड़ाडीह, महावीर घाट शहर, बेंदुआ, भरसौता, सुल्तानपुर, हल्दी, नंदपुर, शिवपुरदीयर नंबरी, प्रानपुर,कंसपुर, बधउच, सुल्तानपुर, ओझा कछुआ, बसारिकपुर, दोपही, माल्देपुर, रेपुरा, बजरहां, सुजानीपुर, ओझवलिया, चैनछपरा, भेलसड़, नेता जमुआ, हीरपुर, नेता विगही, विजईपुर,बनकटा, जमुआ, सागरपाली, पिपराखुर्द, भोजपुरवा, चित बिसाव कला, कचनार, गविरार दियरा,चक बिलयम, चांददियर, गोपालनगर, इब्राहिमाबाद नौबरार, नौका गांव, मठनाग नाथ, शिवाल, वशिष्ठनगर, मानगढ़, गोपालपुर, कोड़हरा नौबरार, नौरंगा, दयाछपरा, रामपुर कोड़हरा, केहरपुर, जगदेवा,बहुआरा, ह्दयपुर, शिवपुर कपूर दियर और टेंगरही आदि गांव शामिल हैं।

    59- बाढ़ प्रभावित गांव

    80041- प्रभावित जनसंख्या

    512- प्रभावित हेक्टेयर कृषि भूमि