बलिया में बाढ़ से कोहराम! 45 दिनों से डूबे गांव, 30 हजार लोगों तक नहीं पहुंची राहत सामग्री
बलिया जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है कई गाँव अभी भी जलमग्न हैं। चाँददियर जैसे क्षेत्रों में 45 दिनों से पानी भरा है फिर भी पीड़ितों को पर्याप्त राहत सामग्री नहीं मिली है। लगभग 30 हजार लोग सहायता का इंतजार कर रहे हैं जबकि दवा छिड़काव का भी अभाव है जिससे लोगों में आक्रोश है और स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, बलिया। जनपद में बाढ़ की पीड़ा अभी खत्म नहीं हुई है। अभी भी कई गांवों में बाढ़ का पानी जमा है, लेकिन प्रशासन की ओर से पीड़िताें को कोई मदद नहीं मिल रही है। जनपद के अंतिम छोर पर स्थित चांददियर में पिछले 45 दिनों से अधिक समय से पानी जमा है, लेकिन इस गांव के लोगों को कोई मदद नहीं मिल रही है।
राशन किट भी नहीं दिया गया है। इससे लोगों में आक्रोश है। लोग अपने हाल पर जी रहे हैं। अभी के समय में हर गांव बाढ़ राहत किट के लिए बवाल मचा है। बाढ़ राहत सामग्री कम वितरित होने के चलते लोगों में आक्रोश है। सरयू में अभी भी बढ़ाव हो रहा है।
जलस्तर खतरा निशान से ऊपर 64.520 मीटर से ऊपर है। गंगा में भी शनिवार की शाम से बढ़ाव शुरू हो गया है। इसका जलस्तर भी खतरा निशान से 76 सेमी ऊपर है। एक आंकड़े के अनुसार अभी भी 30 हजार बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत सामग्री नहीं मिली है। पीड़ित अपने प्रधान से कह रहे हैं।
प्रधान तहसील में जाकर उपजिलाधिकारी से मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही है। जनपद में हर साल सितंबर में ही बाढ़ से ज्यादा तबाही का रिकार्ड है। इसके बावजूद प्रशासन की सक्रियता नहीं दिख रही है।
दवा का भी नहीं हो रहा छिड़काव
जनपद में बाढ़ प्रभावित गांवों में दवा का भी छिड़काव नहीं हो रहा है। इसके चलते लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। कोई भी ग्राम प्रधान इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
जबकि हालात यह हैं कि लंबे से पानी जमा होेने के कारण संड़ाध से लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। जबकि दवा के छिड़काव आदि के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रुपये हर साल दिए जाते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।