बलिया में जल निगम की लापरवाही से हादसे के बाद विद्युत विभाग ने दर्ज कराई शिकायत
बलिया के बिल्थरारोड में जल निगम की लापरवाही से दो बच्चे करंट लगने से झुलस गए। विद्युत विभाग ने जल निगम पर बिना सूचना दिए पाइपलाइन बिछाने और बिजली के तार काटने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। स्थानीय लोगों ने जल निगम कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

जागरण संवाददाता, हल्दीरामपुर (बलिया)। बिल्थरारोड नगर के वार्ड नंबर नौ चक इमिलिया स्थित प्राथमिक विद्यालय के बाहर करंट की चपेट में आकर झुलसे दो चचेरे मासूम भाइयों के मामले में नया मोड़ आ गया है। विद्युत विभाग की ओर से जांच में जल निगम (नगरीय) को दोषी ठहराया गया है। यही नहीं, जल निगम के कर्मचारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए उभांव थाने में तहरीर भी दी गई है।
बिजली विभाग के अवर अभियंता (जेई) रामविलास खरवार ने उभांव थाना में जल निगम के संबंधित कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि जल निगम की ओर से बिना सूचना के पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया।
इस दौरान बिजली के खंभे से जुड़ी लाइन को काटकर नीचे डाल दिया गया, जबकि उसमें विद्युत प्रवाह चालू था। इसी के चलते करंट से हादसा हुआ। गत शनिवार को हुए हादसे में झुलसे दोनों बच्चे दीपांशु राजभर (कक्षा 4 का छात्र) और उसका चचेरा भाई विवेक शामिल हैं। स्थानीय लोगों की तत्परता से दोनों को तत्काल सीएचसी सीयर पहुंचाया गया, जिससे समय रहते इलाज मिल सका। विवेक के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उसे मऊ के एक निजी अस्पताल से घर लाए जाने की संभावना है।
दोनों बच्चों की हालत फिलहाल स्थिर है। घायल दीपांशु राजभर तीन बहनों में सबसे छोटा और परिवार का इकलौता बेटा है। इसी वर्ष तीन जनवरी को उसकी मां सोनारी देवी का निधन हो गया था। उसके पिता देवेंद्र राजभर दिल्ली में ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। फिलहाल उसकी बड़ी बहन पुष्पा, अपने पति सरवन राजभर के साथ मायके में रहकर छोटे भाई-बहनों की देखभाल कर रही हैं।
उनका प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना मकान तीन ओर से नालियों के पानी से घिरा हुआ है, जिससे उनकी परेशानियां और भी बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल निगम ने विद्युत विभाग को पहले सूचना दी होती, तो यह हादसा रोका जा सकता था। उन्होंने प्रशासन से जल निगम कर्मियों व ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि आगे ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
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