यूपी के बलिया में 11 लोग मिले HIV पॉजिटिव, एक ट्रांसजेंडर भी शामिल; चौंकाने वाले आंकड़े जारी
बलिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह ने एचआईवी और क्षय रोग के चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इस वर्ष की स्वास्थ्य जांच में असुरक्षित यौन संब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह ने क्षेत्र में एचआईवी और क्षय रोग की भयावह स्थिति को उजागर करते हुए चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। चालू वर्ष में हुई व्यापक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग से पता चला है कि असुरक्षित यौन संबंध, प्रवासी मजदूरों का संक्रमण और नशे की लत से जुड़ी सिरिंज शेयरिंग यहां एचआईवी के प्रसार का मुख्य कारण बन रही है।
सीएचसी, बांसडीह ने इस वर्ष अप्रैल से अब तक कुल 3217 लोगों का एचआईवी टेस्ट किया। इन जांचों में 10 महिला, पुरुष और एक ट्रांसजेंडर सहित कुल 11 लोग एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं। यह आकड़ा विभाग के लिए चिंता का विषय है।
जांच के बाद संक्रमितों की काउंसलिंग में जो तथ्य सामने आए, वे बेहद गंभीर हैं। कई प्रवासी मजदूर बाहर से काम कर लौटने के बाद यह संक्रमण लेकर आए और स्थानीय स्तर पर अपने साथियों को भी संक्रमित कर दिया। असुरक्षित यौन संबंध संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा जरिया बना हुआ है। वहीं नशे के आदी लोगों द्वारा एक ही सिरिंज से इंजेक्शन लेने की प्रवृत्ति ने भी कुछ लोगों को इस लाइलाज बीमारी की चपेट में ला दिया।
एचआइवी के बढ़ते मामलों पर सीएचसी के वरिष्ठ परामर्शदाता राहुल सिंह ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि जांच के बाद काउंसलिंग में हमने पाया कि ज्यादातर संक्रमण व्यवहारजन्य लापरवाही के कारण हुए हैं। हमें प्रवासी आबादी और नशा करने वाले समूहों पर फोकस करते हुए सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे। संक्रमण की जल्द पहचान और तत्काल एआरटी शुरू करना ही एकमात्र बचाव है।
टीबी पर भी नियंत्रण की चुनौती
क्षेत्र में एचआईवी के साथ ही टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। सीएचसी के डाट्स केंद्र पर इस वर्ष अब तक 5800 मरीजों की टीबी की जांच की गई। जांचे गए लोगों में से 180 मरीज टीबी से संक्रमित पाए गए हैं। जबकि केंद्र पर वर्तमान में अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आए 300 मरीजों का टीबी का नियमित उपचार चल रहा है।

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