बलिया के गोपालनगर टांडी में सरयू का कहर जारी, फिर गिरे पांच मकान, तटवर्ती इलाकों में दहशत
बलिया के सुरेमनपुर दियारांचल में सरयू नदी का कटाव जारी है जिससे कई घर नदी में समाहित हो गए हैं और किसान अपनी उपजाऊ भूमि खो रहे हैं। ग्रामीण सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और कटाव रोकने के कार्यों में अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीण कटाव रोकने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया)। सुरेमनपुर दियारांचल के गोपाल नगर टाड़ी पर पांचवें दिन भी सरयू नदी का तेवर तल्ख रहा। बुधवार को भी पांच लोगों का मकान नदी में समाहित हो गया। कटान के मुहाने पर जो मकान हैं, वह भी कभी भी गिर सकते हैं।
रामेश्वर यादव, अवध बिहारी यादव, झलकू यादव, लालजी यादव व नंदजी यादव का मकान गिरने के बाद आसपास के लोग भी अपना मकान खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। सत्यनारायण यादव, विनय यादव ने बताया कि बाढ़ का समय अब खत्म हो गया है, इसके बाद भी कटान तेज होने से पूरे गांव के लोग भयभीत हैं। किसानों की भूमि लगभग एक किलोमीटर लंबाई में कट रही है।
जिला प्रशासन की ओर से बचाव कार्य कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं है। जब कुछ किया जा सकता था, उस समय किसी को इस गांव की चिंता नहीं हुई। अब जब कटान हो रहा है तो सभी लोग आश्वासन दे रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि पिछली बार के बाढ़ में भी इस क्षेत्र के लगभग 60 लोगों के मकान गिरे थे, लेकिन उसमें केवल सात लोगों को ही जमीन का पट्टा मिला, शेष लोग अभी भी सुरेमनपुर रेल लाइन के पास शरण लिए हैं।
गांव की तबाही के लिए बाढ़ विभाग जिम्मेदार
गांव के शंभू यादव, परशुराम यादव, सुकुल यादव, जवाहर यादव ,रामनाथ यादव आदि लोगों ने गांव की तबाही के लिए के लिए सिंचाई विभाग बाढ़ विभाग को जिम्मेवार ठहराते हुए कटानरोधी कार्य में हुई धांधली की जांच की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि विभाग के बड़े अधिकारी गलत कार्य को सही बताते हुए नहीं थकते हैं। जबकि यहां दो बार का कटानरोधी कार्य भी गांव की सुरक्षा नहीं कर सका। गांव के नंद जी यादव ने बताया कि 10 कट्टा लहहाती हुई धान की फसल नदी में बुधवार को समाहित हो गई। कटानरोधी कार्य में अनियमितता की जांच के मांग के बावजूद जनप्रतिनिधि व अधिकारी दोनों जनता की बात नहीं सुन रहे हैं।
शिवाल मठिया में भी शुरू हुआ कटान
शिवाल मठिया गांव के सामने भी बुधवार को कटान शुरू हो गया। लगभग दो बीघा उपजाऊ जमीन सरयू नदी में समाहित हो चुकी है। ओम प्रकाश सिंह, राकेश सिंह, दिलीप चौधरी, वीरेंद्र सिंह व ग्राम प्रधान परमात्मा गोड ने बचाव कार्य के लिए जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट किया है।
कटान के मुहाने पर आए घरों को बचाने के लिए चक्की नौरंगा के ग्रामीणों ने बैठा धरने पर
कटान से बचाने के लिए चक्की नौरंगा ग्रामीण दे रहे धरना गंगा उस पार चक्की नौरंगा गांव के ग्रामीणों द्वारा कटान रोकने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। धरने पर बैठे रवींद्र ठाकुर, उमा गोंड, संतोष ठाकुर ,सुनील ठाकुर, विजय ठाकुर, परमात्मा राम, सुनीता देवी, मंगरौली देवी आदि ने बताया कि चक्की नौरंगा में अभी भी रुक-रुक कर कटान हो रहा है। जो मकान कटान के मुहाने पर आ चुके हैं उसे बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर तत्काल सरकार कटान रोकने के लिए कार्य नहीं करती है तो शासन प्रशासन के खिलाफ भयंकर आंदोलन किया जाएगा।
कटानरोधी प्रोजेक्ट बहने को लेकर डीएम ने मांगी रिपोर्ट
जिलाधिकारी मंगलाप्रसाद सिंह ने टाड़ी में तीन करोड़ का कटानरोधी प्रोजेक्ट बहने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से रिपोर्ट मांगी है। बताया कि अधिशासी अभियंता मामले की जानकारी मौखिक दे रहे थे लेकिन लिखित रूप से रिपोर्ट मांगी गई है। जल स्तर नीचे जाने पर टाड़ी सहित अन्य प्रोजेक्ट की टीम लगाकर जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।