Smart Meter: स्मार्ट मीटर में उपभोक्ताओं की जेब पर डाका! नाराज लोगों ने जताई कड़ी आपत्ति
Smart Meter बलिया में पावर कॉरपोरेशन ने पोस्ट-पेड बिजली मीटरों को स्मार्ट प्री-पेड मीटरों में बदल दिया है। निगम का दावा है कि इससे पारदर्शिता आएगी और 2% की छूट मिलेगी लेकिन उपभोक्ताओं को पुराने बकाया और नए रिचार्ज का एक साथ भुगतान करना पड़ रहा है जिससे वे नाराज हैं।

जागरण संवाददाता, नवानगर (बलिया)। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने उपभोक्ताओं को पोस्ट-पेड से स्मार्ट प्री-पेड मीटर पर शिफ्ट कर दिया है। निगम का दावा है कि इससे बिजली व्यवस्था पारदर्शी होगी और उपभोक्ताओं को 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मगर जमीनी हकीकत यह है कि उपभोक्ताओं पर एक साथ पोस्ट-पेड बकाया और प्री-पेड रिचार्ज का बोझ डाल दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी है।
कारपोरेशन ने कहा है कि पूर्व में जमा सिक्योरिटी धनराशि पहले बकाया बिल में समायोजित होगी या प्री-पेड बैलेंस के रूप में जोड़ी जाएगी। लेकिन जब तक बकाया पूरा नहीं चुकता, हर रिचार्ज से अनिवार्य कटौती होगी। घरेलू उपभोक्ताओं से 10 से 25 प्रतिशत तक और अन्य श्रेणी से सीधे 25 प्रतिशत रकम हर रिचार्ज पर काट ली जाएगी। इसके अलावा बकाया पर लेट पेमेंट सरचार्ज भी अलग से देना होगा।
निगम ने 30 दिन का ग्रेस पीरियड और बैलेंस खत्म होने पर तीन दिन का इमरजेंसी क्रेडिट देने की बात कही है। निगम का तर्क है कि एसएमएस और मोबाइल ऐप से उपभोक्ताओं को बैलेंस, खपत और रिचार्ज का पूरा विवरण मिल जाएगा। लेकिन उपभोक्ता इसे राहत नहीं, बल्कि मजबूरी मान रहे हैं।
सिकंदरपुर क्षेत्र के कई उपभोक्ताओं ने इस व्यवस्था को जनता की जेब पर सीधा डाका बताया है। उपभोक्ता दिग्विजय सिंह ने कहा, “पहले से महंगी बिजली के बीच अब हर रिचार्ज से कटौती की मार झेलनी पड़ रही है। यह लूट है।” वहीं अखिलेश सिंह गुड्डू ने कहा, “हर बार बैलेंस खत्म होने का डर बना रहता है। यह छोटे उपभोक्ताओं को और मुश्किल में डाल रहा है।”
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि निगम वाकई उपभोक्ता हितैषी है तो उसे पहले पुराने बकाया का स्पष्ट निपटारा करना चाहिए। रिचार्ज पर कटौती करने की व्यवस्था न सिर्फ उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है बल्कि इसे लेकर विरोध के स्वर भी तेज हो रहे हैं।
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