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    '..जब मांझी ही पागल हो, पतवार बदल कर क्या होगा'

    By Edited By:
    Updated: Sun, 18 Mar 2012 07:17 PM (IST)

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    बैरिया (बलिया): 'आचार नहीं बदला है अगर विचार बदल कर क्या होगा, जब सभी मांझी पागल हो तो पतवार बदल कर क्या होगा..।' उक्त पक्तियां भारत सरकार के पूर्वमंत्री व बिहार के मुजफ्फरपुर के सांसद कैप्टन जयनारायण निषाद की है जो लोकनायक जयप्रकाश नगर अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र द्वारा आयोजित सम्पूर्ण क्रांति अभियान राष्ट्रीय सम्मेलन को रविवार को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार घर-घर में प्रवेश कर गया है। अगर पोता-पोती का पप्पी लेना है तो उन्हें घुस में टाफी देनी पड़ रही है। कहा कि मैं 92 वर्ष का नौजवान हूं। मेरी हार्दिक इच्छा है कि देश को खोखला करने वाले इस भ्रष्टाचार के दीमक को जड़ से खत्म किया जाय किन्तु हमें लगता है कि जब तक मौजूदा चुनावी व्यवस्था नहीं बदली जाएगी, इस देश से भ्रष्टाचार नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले समाज में छुआछूत था किन्तु जातिवाद नहीं था। आज चुनाव में अधिकांश जगह वही जीतता है जिसकी थैली भारी होती है। अगर अपनी भरी थैली खाली कर एमपी एमएलए बनेगा, वह फिर अपनी थैली भरने के लिए भ्रष्टाचार करेगा ही। अगर हम सब चाहते है कि लोक नायक जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति का नारा सार्थक हो तो हमें गांव-गांव, घर-घर जाकर बच्चों से बूढे़ तक को भ्रष्टाचार के संदर्भ में बताकर इसे दूर करने के लिए संकल्प करवाना पड़ेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद नीरज शेखर ने कहा कि देश में काला धन कितना है, इसका ठीक-ठीक पता सांसदों को भी नहीं है। अगर काला धन देश में वापस आ जाता है तो देश की तकदीर व तदवीर बदल जाती किन्तु दु:ख है कि जो लोग इन दिनों दिल्ली की गद्दी पर बैठे है उनका नजरिया काला धन वापस लाने या उसे आंकने के प्रति ईमानदारी नहीं हैं। उन्होंने रामदेव बाबा की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने काला धन के प्रति लोगों में अलख जगाना चाहा, वह तो नहीं हो सका किन्तु दिल्ली की सरकार उनके पीछे पड़ गई लेकिन अन्ना हजारे व बाबा रामदेव के आह्वान पर एकत्र भीड़ ने यह बात प्रमाणित कर दिया कि आम आदमी काला धन व भ्रष्टाचार के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इस देश में काले धन की समानांतर अर्थ व्यवस्था चल रही है, जिसे ठीक करना काफी कठिन है। कार्यक्रम का शुभारम्भ अर्चना मिश्र की सरस्वती वंदना से हुआ। संयुक्त सचिव गोपाल सिंह, श्याम गम्भीर, डॉ. चंद्रशेखर सिंह, प्राचार्य अशोक कुमार सिंह, समिति के चेयरमैन अशोक सिंह, तमिलनाडु के पूर्व आईएएस एमजी देवसहाय, सीडब्लूसी के चेयरमैन श्रीमती कश्मीरा जी सहित दर्जनों विद्वानों व नेताओं ने जेपी की सम्पूर्ण क्रांति के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारत सरकार के पूर्वमंत्री ब्रजकिशोर त्रिपाठी ने कहा कि गरीबों-अमीरों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। एक तरफ इस देश में गरीब माताएं अपने बच्चों को चावल का मांड पिलाकर जिंदा रखती है जबकि अम्बानी जैसे लोग पांच लोगों को रहने के लिए 20 करोड़ रुपये का घर बनाते है। यह कैसी विडम्बना है। उन्होंने कहा कि सत्ता बदलने से कुछ नहीं होता, व्यवस्था बदलने का प्रयास होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन अभय सिन्हा ने किया।

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