न्याय के लिए आठ की जगह 80 किलोमीटर के चक्कर
जागरण संवाददाता बलिया मौके पर न्याय नहीं मिलने से फरियादियों को आठ की बजाय 80 किलोमीट

जागरण संवाददाता, बलिया : मौके पर न्याय नहीं मिलने से फरियादियों को आठ की बजाय 80 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। तहसील, ब्लाक व थाने पर सुनवाई नहीं होने पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के दरबार से आस होती है। इससे जिले के दूर-दराज वाले इलाकों के फरियादियों को काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती है। शासन की मंशा के अनुरूप समाधान दिवस की व्यवस्था का असर नहीं दिख रहा है। इसमें व्यापक सुधार की दरकार है। --उधेड़बुन में उलझे रसड़ा के रामविलास --
रसड़ा तहसील क्षेत्र के शाहमोहम्मदपुर गांव निवासी रामविलास राजभर शनिवार को कलेक्ट्रेट में डीएम से मिलने के लिए परेशान थे। हाथों में लिए कागज के पन्ने को बार-बार पलट रहे थे। उन्होंने बताया कि सात वर्षों से पड़ोसियों से जमीन का विवाद चल रहा है। एसडीएम द्वारा स्थगन आदेश के बावजूद पड़ोसी मकान का निर्माण कर रहे हैं। विरोध करने पर डरा-धमका रहे हैं। तहसील व थाने पर सुनवाई नहीं हुई। अंत में डीएम के यहां न्याय की मांग को लेकर आए। डीएम ऊर्जा राज्य मंत्री के दौरे में साथ गए थे। रामविलास को तहसील पर न्याय मिल जाता तो उन्हें आठ की बजाय लगभग 80 किलोमीटर का सफर नहीं करना पड़ता। उनके गांव से तहसील चार किमी दूर है वहां आने-जाने में आठ जबकि जिला मुख्यालय जाने-आने में 80 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इससे समय, पैसा जाया होता है। साथ ही मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है। कागजात होने के बावजूद नहीं करा पा रहे निर्माण--
सिकंदरपुर तहसील में पकड़ी थाना क्षेत्र के सहुलई गांव निवासी ओमप्रकाश गुप्ता जमीन के कागजात होने के बावजूद जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण नहीं करा पा रहे हैं। राजनीतिक दबाव के कारण तहसील वाले मामले को टरका रहे हैं। समाधान दिवस पर जमीन का कागजात दिखाने के बावजूद भी कोई न्याय नहीं दिला रहा है। कई दिनों तक तहसील के चक्कर लगाने के बाद डीएम-एसपी से गुहार लगाने पहुंचे।
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जनपद के सभी थानाध्यक्षों को फरियादियों के मामलों के निस्तारण को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। जनता दरबार व समाधान दिवस पर पुलिस से जुड़े प्रकरणों में तत्काल कार्रवाई की जाती है।
- राजकरन नय्यर, एसपी।
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