1250 मीटर कटी सरयू, बदलेगी चांदपुर पुल की डिजाइन
नंबर गेम 224.98 करोड़ लागत 144.84 करोड़ आवंटित 80 करोड़ रुपये खर्च 1275.83 मीटर सेत ...और पढ़ें

नंबर गेम
224.98 करोड़ लागत
144.84 करोड़ आवंटित
80 करोड़ रुपये खर्च
1275.83 मीटर सेतु की लंबाई
2016 नवंबर में कार्य शुरू
2023 जून में कार्य पूर्णता अवधि
70 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ
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जागरण संवाददाता, बलिया : सरयू नदी की कटान ने चांदपुर पुल का भूगोल बदल रहा है। अब संपर्क मार्ग का हिस्सा कट गया है। उत्तर प्रदेश की सीमा पर करीब 1250 मीटर पुल की ओर हिस्सा कटान की जद में आ चुका है। इस बार भीषण कटान का बुरा प्रभाव परियोजना पर पड़ा है। ऐसे में अब संपर्क मार्ग के पहले बंधा का निर्माण कराया जाएगा।
कटान के इतने भाग को सुरक्षित करने की कोशिश शुरू हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग और उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने संयुक्त सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है। ज्वाइंट रिपोर्ट शासन को भेजने की तैयारी चल रही है। राज्य स्तरीय कमेटी के गठन की सिफारिश होगी। बदले परिवेश में इंजीनियरों का तर्क है कि पिलर की संख्या बढ़ा कर सेतु को बचाया जा सकता है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार संपर्क मार्ग का हिस्सा नई डिजाइन पर बनाया जाएगा। 224.98 करोड़ की परियोजना वर्ष 2016 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन 1275 मीटर लंबी परियोजना को गति प्रदेश सरकार ने दी है। 70 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। 28 पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं। इस समय पिलर के ऊपर गर्डर रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यूपी की तरफ से कार्य किया जा रहा है।
सिवान से कनेक्टिविटी मजबूत करने की कोशिश
इस पुल के निर्माण के बाद बिहार के सिवान से बलिया की कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी, लेकिन अब नया पेंच फंसने से अफसरों के समक्ष नई मुश्किल खड़ी हो गई है। इस समय बलिया के लोग सिवान जाने के लिए पहले मांझी घाट जाते हैं, गंगा में बने पुल को पार करके वह सिवान पहुंचते हैं, लेकिन अगर सरयू में पुल बनकर तैयार हो जाता है तो करीब सौ किमी का चक्कर जनता को नहीं लगाना पड़ेगा। वह आसानी से लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं।
खरीद-दरौली पुल भी मुश्किल में, शासन का मंथन
सरयू की कटान के चलते खरीद-दरौली पुल पर भी संकट है। ढाई किलोमीटर संपर्क मार्ग का हिस्सा फंसा हुआ है, लोक निर्माण विभाग के लखनऊ मुख्यालय द्वारा गठित राज्य स्तरीय कमेटी फरवरी के पहले सप्ताह में इस पर अंतिम निर्णय लेगी। कारण कि शीघ्र फैसला नहीं लिया गया तो समस्या और बढ़ जाएगी। प्रोजेक्ट लंबे समय के लिए फंस सकता है, कारण कि इसका भी 50 फीसद कार्य पूरा हो चुका है।

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