आग से 125 परिवार तबाह, बेटियों के जले अरमान
क्षेत्र के पलिया खास में रविवार को लगी आग अभी पूरी तरह से बुझ भी नहीं पाई थी कि नरही अनुसूचित बस्ती में आग ने तांडव मचाना शुरू कर दिया। पल भर में हंसती-खेलती पूरी बस्ती राख में तब्दील हो गई। आखों के सामने तिनका-तिनका बिटोर कर खड़ा किया आशियाना धू-धू कर जल उठा। यह देख पीड़ितों की अश्रुधारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। सब कुछ गंवा चुके गरीब मजदूर अपना आशियाना स्वाहा होते देखने को मजबूर थे वजह की आग की
जागरण संवाददाता, नरही (बलिया) : क्षेत्र के पलिया खास में रविवार को लगी आग अभी पूरी तरह से बुझ भी नहीं पाई थी कि सोमवार को नरही अनुसूचित बस्ती में आग ने तांडव मचाना शुरू कर दिया। पल भर में हंसती-खेलती पूरी बस्ती राख में तब्दील हो गई। आखों के सामने तिनका-तिनका बटोर कर खड़ा किया आशियाना धू-धूकर जल उठा। यह देख पीड़ितों की अश्रुधारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। सब कुछ गंवा चुके गरीब मजदूर अपना आशियाना स्वाहा होते देखने को मजबूर थे, वजह की आग की विकरालता को रोकने की माकूल व्यवस्था नहीं थी।
अगलगी की इस घटना में तकरीबन 125 परिवारों की रिहायशी झोपड़ियां देखते ही देखते राख की ढेर में तब्दील हो गईं। इस घटना ने जहां सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया, वहीं कई लोगों के अरमानों को भी खाक में मिला दिया। 125 परिवारों से भरी पूरी यह बस्ती आज वीरान हो गई है। हालांकि मौके पर पहुंचे अफसरानों ने सरकारी सहायता का वादा जरूर किया, लेकिन अभी तक सहायता की खुराक इन मजबूरों को नसीब नहीं हो पाई है।
गर्मी व बरसात का सीजन गड़हांचल और दियरांचल के बाशिंदों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। कभी बाढ़ की विभीषिका के आगे हजारों परिवारों को बेघर होना पड़ता है तो गर्मी के मौसम में आग का नाम सुनते ही इलाकाई लोगों का दिल सिहर उठता है। वजह की आग से बचने की कोई भी कोशिश अब तक कारगर साबित नहीं हो सकी है। हालिया घटना तो कुछ यही बयां कर रही है। जेठ की तपती दोपहरी, तेज पछुआ हवा का झोंका के साथ झोपड़ियों में रखे गैस सिलेंडर ने आग में घी का काम किया। विपत्तियों के पहाड़ तले दबे इन गरीबों की बस्ती के हालात कुछ ऐसे थे कि रही-सही कसर पानी ने पूरा कर दिया। फायर ब्रिगेड तो पहुंची, लेकिन पानी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हाथ पर हाथ धरे खड़ी रही। आग में सब कुछ स्वाहा कर चुके पीड़ितों की स्थिति अब यह है कि खुले आसमान के नीचे अपने भाग्य पर आंसू बहा रहे हैं। सबसे दयनीय स्थिति तो झारखंडे राम की है।
दो दिन बाद बहन की बरात आनी थी। लिहाजा सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे थे। हाय रे किस्मत, बहन के हाथ पीले होने से पहले ही आग ने सारे अरमानों को धूल-धूसरित कर दिया। वहीं शिवकुमार राम भी दो जून को होने वाली अपनी बेटी की शादी को लेकर तैयारियों में जुटे थे। मेहनत-मजदूरी के बल पर बेटी का घर बसाने निकले पिता को क्या मालूम था कि नियति को कुछ और ही मंजूर है। पीड़ितों के दर्द को देख कर एक बार फिर नरही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वर्षों पूर्व लगा फायर सर्विस का बोर्ड चर्चा में है। लोगबाग यह कहते सुने जा रहे रहे हैं कि यह ऐसे ही मुंह चिढ़ाता रहेगा या इलाकाई लोगों को कभी आग के तांडव से रक्षा भी करेगा। पीड़ितों की मदद : अगलगी की सूचना पर नरहीं निवासी शिक्षक विनोद कुमार राम ने सारे अग्निपीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी, वहीं सेना के जवान नरही निवासी अंचल भारती ने पीड़ित परिवारों को वस्त्र उपलब्ध कराया। समाजसेवी गोविद सेठ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए पूरे अग्नि पीड़ितों को भोजन की व्यवस्था कराई। वहीं समाजसेवी शिवशंकर राम व रामविलास राम ने अग्निपीड़ितों में 10-10 किलो चावल, एक तिरपाल, नमक का पैकेट वितरित किया। क्षेत्रीय लोगों के सहयोग की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। आग से नगदी समेत हजारों का सामान नष्ट
रेवती : थाना क्षेत्र के ग्रामसभा भैंसहा-झरकटहां मार्ग पर एक किराना दुकान की गुमटी में मंगलवार की भोर में अज्ञात कारणों से लगी आग से नगदी समेत हजारों रूपये की संपत्ति जलकर नष्ट हो गई। धूरी राजभर सोमवार की शाम गुमटी में ताला बंद कर घर चले गए। मंगलवार को सुबह टहलने निकली महिलाओं ने गुमटी से धुआं निकलता देख शोर मचाना शुरु कर दिया। सूचना पर पहुंचे धुरी राजभर ने जब ताला खोला तो अंदर सारा सामान जलकर नष्ट हो गया था। बताया कि सोमवार को मक्का बेचकर 51 हजार रूपये रखा था वह भी जलकर खाक हो गया। इसके अलावा दुकान का सारा सामान भी जल गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।