भेड़िये के डर से रतजगा करने को मजबूर ग्रामीण! 11 टीमों ने संभाला मोर्चा; ड्रोन से की जा रही निगरानी
कैसरगंज रेंज में भेड़ियों के बढ़ते हमलों से चिंतित वन विभाग ने 11 टीमें गठित की हैं। भोपाल और बंगाल से भी टीमें बुलाई गई हैं। अंधेरे में हमलों को देखते हुए प्रभावित गांवों में रात में बिजली कटौती बंद कर दी गई है। कैसरगंज में भेड़िये अब तक दो बच्चों को मार चुके हैं और सात से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।

जागरण संवाददाता, बहराइच। कैसरगंज रेंज में बढ़ते भेड़िए के हमलों को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से 11 टीमें लगाई गई है, इसके साथ ही भोपाल व बंगाल की टीमें भी तलाश में जुटी हुई है।
भेड़िए के हमले प्रभावित गांवों में अब रात में बिजली कटौती नहीं होगी, इसके लिए मुख्यालय से निर्देश भी मिल चुका है। निर्देश मिलने के बाद आपातकालीन स्थिति को छोड़कर बिजली सप्लाई रातभर जारी रहेगी।
कैसरगंज रेंज के मझारा तौकली में पांच वर्षीय ज्याेति व बहोरवा गांव निवासी तीन माह की संध्या को अब तक भेड़िए ने हमला कर अपना निवाला बना लिया है, जबकि सात लोगों से अधिक लोग जख्मी हो चुके है। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया सामने आया कि अंधेरा होने के कारण हमले बढ़ रहे है।
इसको देखते हुए बिजली विभाग ने अपने मुख्यालय पत्र भेजकर शाम सात से सुबह पांच बजे तक बिजली कटौती न करने की अनुमति मांगी। मुख्यालय ने निर्देश दिया और अब रात में भेड़िए के हमले से प्रभावित गांवों में बिजली कटाैती रोक दी गई।
कैसरगंज सर्किल के अधिशाषी अभियंता प्रबोध कुमार राजपूत ने बताया कि जैतापुर, नंदवल फीडर, रामनगर फीडर व बेहड़ा फीडर से संचालित बिजली कटाैती शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक नहीं की जाएगी, जिससे अंधेरा न हो और हमले को रोकने में मदद मिले।
टीमें 11, सफलता शून्य
भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से 11 टीमें लगाई गई है। यही नहीं, भोपाल व बंगाल से भी दो टीमों को बुलाकर तलाश करने में लगाया गया है, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी सफलता शून्य है और हमला लगातार जारी है।
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