UP: बहराइच के कतर्निया में 59 पहुंची 'वनराज' की संख्या, पर्यटकों का अब बनेगा नया ठिकाना
वन्य जीव संरक्षण के लिए लगातार कोशिशों का नतीजा है कि कतर्निया वन्य जीव प्रभाग में वनराज की संख्या 59 पहुंच गई है जो 2018 की गणना के मुकाबले दो गुना ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बहराइच। वन्य जीव संरक्षण के लिए लगातार कोशिशों का नतीजा है कि कतर्निया वन्य जीव प्रभाग में 'वनराज' की संख्या 59 पहुंच गई है, जो 2018 की गणना के मुकाबले दो गुना है। इससे स्वच्छंद विचरण करते बाघों का दीदार करने के इच्छुक पर्यटकों का नया ठिकाना कतर्निया बन सकता है।
2018 में 29 थी बाघों की संख्या
यह प्रकृति के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम का ही नतीजा है कि कतर्निया वन्यजीव प्रभाग में 'वनराज' की तादाद महज चार साल में दोगुनी हो चुकी है। यहां 2018 में बाघों की संख्या महज 29 थी, जिसमें गिरिजापुरी बैराज के डाउन स्ट्रीम तथा रेंज कार्यालय के पीछे एक-एक बाघ की मौत हो गई थी, जबकि आबादी में सक्रिय होने के कारण एक को चिड़ियाघर व एक को दुधवा ले जाकर छोड़ना पड़ा।
'विश्व बाघ दिवस' के मौके पर 29 जुलाई को जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में आयोजित उत्सव के दौरान दुधवा नेशनल पार्क पार्क में बाघों की संख्या 153 बताई गई थी। यहां 2018 में कुल 105 बाघ थे। दुधवा के कुल बाघों में सर्वाधिक बढ़ोतरी कतर्निया में ही हुई है।
कतर्निया में 30 बाघ बढ़े हैं
551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में 30 बाघ बढ़े हैं। इस कारण से कतर्निया को बाघों के लिए मुफीद माना जा रहा है। किशनपुर में 41 एवं दुधवा में 35 बाघ गणना में सामने आए हैं, जबकि 2018 में बाघों की संख्या यहां 32 थी।
प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए निरंतर किए गए प्रयास पूरी तरह फलीभूत रहे हैं। 2030 में बाघों की संख्या दोगुना करने कर लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन समय से पहले ही यह संख्या दोगुनी हो चुकी है। वन्य जीव संरक्षण के प्रति समर्पित कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष भगवान दास लखमानी ने बाघों की शानदार वृद्धि पर डीएफओ एवं वन कर्मियों की सराहना की है।

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