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    Bahraich Violance: नेपाल भाग रहे रामगोपाल हत्याकांड के आरोपितों से पुलिस की मुठभेड़, दो घायल

    Updated: Thu, 17 Oct 2024 03:25 PM (IST)

    Bahraich Violence बहराइच हिंसा के बाद यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ के बाद दो आरोपी घायल हुए हैं। पुलिस के अनुसार यह आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा में युवक की हत्या कर दी गई थी। तब से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था।

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    Bahraich Encounter: बहराइच हिंसा में यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़।

    जागरण संवाददाता, बहराइच। हरदी इलाके के महराजगंज में रविवार को मूर्ति विसर्जन जुलूस में शामिल युवक की गोली मारकर हत्या के बाद नेपाल भागने की फिराक में रहे पांच आरोपितों की गुरुवार को नानपारा इलाके में पुलिस से मुठभेड़ हो गई।

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    इस दौरान हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज व तालिम उर्फ सब्बू पुलिस की गोली से घायल हो गए। उपचार के लिए उन्हें सीएचसी नानपारा ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है।

    महराजगंज में रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए पथराव के बाद अब्दुल हमीद की छत पर हरा झंडा उतारने गए युवक को घर में घसीटकर ले जाया गया था। बर्बरता कर उसे गोली मार दी गई थी, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।

    हत्या के मामले में पुलिस ने हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज निवासी अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफाराज, तालिम उर्फ सब्बू, राजा उर्फ साहिर खान, रेहुआ मंसूर के ननकऊ व मारूफ अली समेत 10 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।

    घटना में शामिल एक आरोपित राजा उर्फ साहिर खान उर्फ दानिश को पुलिस ने मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बुधवार को अन्य पांच नामजद आरोपित की तलाश में थानाध्यक्ष कमलशंकर चतुर्वेदी पुलिस टीम के साथ आरोपितों की तलाश में उनके संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रहे थे।

    इस दौरान कोतवाली नानपारा के हांडा बसहरी गांव स्थित नहर के पास गोलीकांड के मुख्य आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज एवं तालिब उर्फ सब्बू समेत पांचों आरोपितों के मौजूद होने की सूचना पर एसओ ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी कर ली। अब्दुल हमीद, फहीम व अफजल को पकड़ लिया गया है।

    महाराज गंज में बैरिकेडिंग के पास मौजूद पुलिसकर्मी। जागरण

    पुलिस ने जब आरोपितों को सरेंडर करने के लिए कहा गया तो उन्होंने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में रिंकू उर्फ सरफराज व तालिब घायल हो गए। उपचार के लिए उन्हें सीएचसी नानपारा ले जाया गया। चिकित्सकों ने दोनो की हालत गंभीर देख उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

    महसी महाराज गंज में आरोपित के घर पसरा सन्नाटा। जागरण

    घटना को लेकर जिला अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जिले की पुलिस भी अलर्ट हो गई है। एसपी वृंदा शुक्ल ने पुलिस मुठभेड़ में सरफराज व तालिब के गोली लगने की पुष्टि की है।

    सीओ महसी निलंबित

    बहराइच जिले में महसी क्षेत्र के महराजगंज कस्बे में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा की घटना के चौथे दिन बुधवार को शासन ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को हटाने के बाद निलंबित कर दिया है।

    रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को सीओ महसी के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। रूपेंद्र गौड़ ने यात्रा में शामिल लोगों पर लाठियां चलवाई, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई थी। हिंसा में 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

    छह नामजद आरोपितों के अलावा 1,304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

    षड्यंत्र के तहत हुई थी हिंसा!

    महराजगंज में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची तो तय योजना के अनुसार श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया। यह दावा है लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती हिंसा में घायल सुधाकर तिवारी का।

    महसी निवासी सुधाकर का वीडियो एक्स पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि रविवार को जब जुलूस निकल रहा था, तब वह सड़क के किनारे खड़े थे। एक गली से मुस्लिम युवक लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर वहां पहुंचे और उन पर पीछे से हमला कर दिया।

    आरोप है कि इस दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र गुस्से में अब्दुल की छत पर चढ़ गया और वहां लगे हरे झंडे को निकालकर भगवाध्वज फहराने लगा। इस बीच आरोपित उसे घर में घसीट ले गए और उसके साथ बर्बरता कर गोली मार दी।

    पूरी घटना पर गौर करें तो साफ है कि हिंसा भड़काने की साजिश पहले ही तैयार की गई थी, लेकिन खुफिया तंत्र इससे पूरी तरह बेखबर रहा, जिसका नतीजा रहा कि रामगोपाल की जान चली गई।

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