यूपी में जातीय समीकरण से बदल सकती है विधान सभा की तस्वीर, इन सीटों पर राजनीतिक पार्टियों की नजर
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में जातीय समीकरणों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। राजनीतिक पार्टियां इन समीकरणों को ध्यान में रखकर रणनीति बना रही हैं। कुछ विशेष सीटों पर, जहां जातीय समीकरणों का प्रभाव अधिक है, राजनीतिक दलों की कड़ी नजर है। पार्टियां जाति आधारित रैलियाँ और सम्मेलनों का आयोजन कर रही हैं।

जातीय समीकरण से बदल सकती है विधान सभा सीटों की तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बहराइच। तराई के बहराइच जिले की आबादी लगभग 40 लाख पार हो गई है। यहां 2622017 कुल मतदाता हैं। इनमें महिला-पुरुष व अन्य मतदाता शामिल हैं। सात विधानसभा सीट में पांच पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है तो दो पर समाजवादी पार्टी कब्जा जमाए, लेकिन आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जातिगत आंकड़ों से तस्वीर बदल सकती है।
2011 की जनगणना के अनुसार यहां 65.71 फीसदी आबादी हिंदुओं की है, जबकि 33.53 फीसदी मुसलमान हैं। इसके अन्य वर्ग के लोग भी हैं। परिसीमन के बाद कहीं विधान सभा इलाके में मुस्लिम की संख्या अधिक है तो कहीं हिंदू भारी पड़ रहे हैं। कैसरगंज, मटेरा, बहराइच व नानपारा मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है, लेकिन सरकार के विकास कार्यों का भी यहां असर दिखाई पड़ेगा।
बहराइच विधानसभा में जहां 60 फीसद हिंदू समेत अन्य जातियां शामिल हैं, वहीं 40 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है। यहां से भाजपा से विधायक अनुपमा जायसवाल हैं। इसी तरह मटेरा विधानसभा में 50 फीसदी से अधिक आबादी मुस्लिमों की है, जबकि बाकी में अन्य जातियां शामिल हैं। इस विधानसभा से समाजवादी पार्टी की मारिया शह विधायक हैं।
इसी तरह कैसरगंज इलाके में मुस्लिम 50 फीसदी हैं, जबकि बाकी में अन्य जातियां शामिल हैं। यहां समाजवादी पार्टी से आनंद यादव विधायक हैं। नानारा में 45 फीसदी मुस्लिम हैं, जबकि 55 फीसदी अन्य जातियों के लोग रहते हैं। यहां भाजपा के सहयोगी अपना दल के राम निवास वर्मा विधायक हैं।
बलहा सुरक्षित विधानसभा इलाके में मुस्लिम आबादी 35 फीसदी मानी जाती है। यहां 65 फीसदी में अधिकतर अनुसूचित व अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं। इस विधानसभा से भाजपा की सरोज सोनकर विधायक हैं। महसी विधानसभा इलाके में भी मुस्लिम 40 फीसदी मानते जाते हैं, जबकि 60 में सवर्ण व अन्य जातियां हैं। इस विधानसभा से भाजपा के सुरेश्वर सिंह विधायक हैं।
ऐसा ही हाल पयागपुर इलाके का है, जहां 65 फीसदी में सवर्ण व अन्य जातियां रहती हैं। वहीं 35 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इस विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी से विधायक सुभाष त्रिपाठी हैं।
डबल इंजन की सरकार में हो रहे विकास कार्यों का भी फायदा भाजपा को मिल सकता है। इसको लेकर सनातन धर्म के लोगों को जागरूक करने के साथ एक रहने का मूलमंत्र भी बताया जा रहा है।

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