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    Katarniaghat in Bahraich: सात समंदर पार से पहुंचे साइबेरियन पक्षी, फरवरी तक गुलजार रहेगा कतर्नियाघाट

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Nov 2022 07:50 AM (IST)

    Katarniaghat in Bahraich फरवरी माह तक नेपाल सीमा के कतर्नियाघाट में प्रवास करेंगे विदेशी मेहमान। ठंड की शुरुआत होते ही साइबेरियन पक्षी तराई में दस्तक देने लगते हैं। गर्मियों की शुरुआत होते ही विदेशी पक्षी पुन हिमालय पार कर साइबेरिया का रुख कर लेते हैं।

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    Katarniaghat in Bahraich: डीएफओ ने सभी रेंजों में वन दारोगा व वनरक्षकों को अलर्ट किया।

    बहराइच, जागरण संवाददाता। नेपाल सीमा से सटे तराई में ठंड बढ़ने के साथ ही सात समंदर पार से साइबेरियन पक्षियों ने भी दस्तक देना शुरू किया है। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के गेरूआ नदी व जंगल में स्थापित झीलों व सरोवरों में विदेशी मेहमानों के कलरव की गूंज सुनाई देने लगी है। कतर्निया में साइबेरियन पक्षियों ने डेरा जमाना शुरू किया है। फरवरी माह तक यह विदेशी मेहमान यहां प्रवास करेंगे। इसके बाद सभी वापस लौट जाएंगे।

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    तराई की आबोहवा साइबेरियन मेहमानों के लिए काफी मुफीद मानी जाती है। ठंड की शुरुआत होते ही साइबेरियन पक्षी तराई में दस्तक देने लगते हैं। प्रतिवर्ष अक्टूबर माह से साइबेरियन मेहमानों की आमद शुरू हो जाती है। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से बहने वाली नदियों, जंगल के निकट झीलों में ज्यादातर यह विदेशी मेहमान समय बिताते हैं। गर्मियों की शुरुआत होते ही विदेशी पक्षी पुन: हिमालय पार कर साइबेरिया का रुख कर लेते हैं।

    यहां डेरा डालते हैं विदेशी मेहमान

    कतर्नियाघाट के सेंट्रल स्टेट फार्म, लठौवा-कठौवा ताल झील, महादेवा ताल झील, धर्मापुर झील, गायघाट स्थित सरयू तट, मझरा डैम, गिरिजापुरी बैराज, गेरुआ नदी, कतर्नियाघाट, कोठियाघाट, चित्तौरा झील, पयागपुर का बघेल ताल इनका डेरा बनता है।

    भारत आती हैं पक्षियों की 25 प्रजातियां

    कतर्नियाघाट वन्यजीव फ्रेंडस क्लब के अध्यक्ष भगवानदास लखमानी की मानें तो साइबेरियन देशों के अलावा चीन व अन्य ठंडे देशों से 25 प्रजातियों के पक्षी भारतीय क्षेत्रों में चार माह तक प्रवास करते हैं। इनमें लालसर, नीलसर, ब्राह्मीडक, सुर्खाव, पिंटेन, फिसलिंग, टिल्स, कामन कूट पक्षी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं।

    चार माह के प्रवास पर आने वाले साइबेरियन पक्षियों पर शिकारियों की नजर रहती है। इनकी सुरक्षा को लेकर संरक्षित वन क्षेत्र स्थित तालाब, झील व नदियों में प्रवास करने वाले पक्षियों की सुरक्षा के लिए सभी रेंजों में वन दारोगा व वनरक्षकों को अलर्ट किया गया है।    - आकाशदीप बधावन, डीएफओ कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग

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