यूपी के इस जिले में दो लाख से ज्यादा लोग पीएम किसान सम्मान निधि से हो जाएंगे वंचित, ये है वजह
उत्तर प्रदेश के एक जिले में दो लाख से अधिक किसान पीएम किसान सम्मान निधि से वंचित हो जाएंगे। आधार वेरिफिकेशन, भूलेखों का सत्यापन और ई-केवाईसी अनिवार्य होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। नियमों का पालन न करने वाले किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार पारदर्शिता लाने के लिए प्रयासरत है।
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जागरण संवाददाता, बहराइच। कृषि विभाग की ओर से किसानों की फार्मर रजिस्ट्री बनाने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके किसान फार्मर आईडी बनवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसका परिणाम है कि अभी भी 45 फीसद किसान फार्मर आईडी बनवाने से वंचित हैं। इसका मुख्य कारण किसानों में जागरुकता में कमी होना बताया जा रहा है।
जिले में पांच लाख आठ हजार छह सौ किसानों की फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य शासन की ओर से दिया गया है। जिस पर कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगे हुए हैं। फार्मर आईडी बनाने के लिए कृषि विभाग की ओर से जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।
इसके बाद भी अभी तक दो लाख 80 हजार 533 किसानों की ही फार्मर आईडी बन सकी है, जबकि दो लाख 27 हजार 867 लोगों का नहीं बन सका है। 55 फीसदी किसानों की ही फार्मर आईडी बन सकी है। लक्ष्य से अभी तक कृषि विभाग 45 फीसद पीछे है। इनमें 2905 किसानों के आवेदन के बाद भी मामले पेडिंग हैं।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिन किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनी है, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसे में किसान 10 नवंबर तक हर हाल में फार्मर आईडी जरूर बनवाएं। उन्होने बताया कि आने वाले समय में फार्मर आईडी ही किसानों की पहचान होगी। जिससे वह खाद व बीज की खरीद कर सकते हैं। जिनकी फार्मर आईडी नहीं बनेगी, उन्हें कृषि विभाग की अन्य योजनाओं से भी वंचित रह सकते हैं।
जिन किसानों की फार्मर आईडी बन गई है। उन्हें प्रधानमंत्री सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिन किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनी है, उन्हें उपरोक्त योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा।- विनय कुमार वर्मा, उप कृषि निदेशक

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