नेपाल के रास्ते मानसरोवर के लिए रवाना हुआ 23 यात्रियों का दल, फोर्स ने सुरक्षित यात्रा का दिलाया भरोसा
नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध के बाद हिंसा भड़क उठी जिसके बाद सेना और सशस्त्र बल स्थिति को सामान्य करने में जुटे हैं। इस बीच रुपईडीहा के रास्ते 23 यात्रियों का एक दल कैलाश मानसरोवर के लिए रवाना हुआ। एसएसबी ने नेपाली अधिकारियों से बात कर उन्हें सुरक्षित सीमा पार कराया। यात्रियों में भय का माहौल था लेकिन एसएसबी कमांडेंट की मध्यस्थता से उन्हें सुरक्षित मार्ग मिला।

जागरण संवाददाता, बहराइच। नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर बैन के बाद भड़की हिंसा के बाद नेपाल आर्मी ने जहां सड़कों पर मोर्चा संभाल रखा है, वहीं सशस्त्र प्रहरी बल भी मुस्तैद होकर हालात को सामान्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार को भारत-नेपाल सीमा स्थित रुपईडीहा के रास्ते 23 यात्रियों का दल कैलाश मानसरोवर के लिए रवाना हुआ। एसएसबी ने नेपाल के आर्म पुलिस फोर्स के अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें सुरक्षित सीमा पार कराया।
नेपाल में हिंसा को लेकर जहां लोगों में भय का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ यात्रियों का दल नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने के लिए गुरुवार को रुपईडीहा सीमा पर पहुंचा।
सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों ने इन सभी को रोक लिया और नेपाल में हालात खराब होने का हवाला देते हुए उन्हें न जाने की बात कही, लेकिन यात्रियों का दल जाने पर ही अड़ा रहा। जवानों ने मामले की जानकारी एसएसबी कमांडेंट गंगासिंह उदावट को दी।
कमांडेंट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नेपाल के आर्म पुलिस फोर्स के अधिकारियों से बात कर यात्री दल की जानकारी और उनकी मंशा को बताया। नेपाल अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि उनके पास मानसरोवर जाने वाले इन 23 यात्रियों की जानकारी है और उन्हें जिस रास्ते से जाना है, वह पूरी तरह सुरक्षित है।
नेपाल में उनको कहीं भी कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। इसके बाद रुपईडीहा सीमा पर मौजूद यात्री दल को एसएसबी जवानों ने सुरक्षित भारत-नेपाल सीमा पार कराया। एसएसबी कमांडेंट ने बताया कि यात्री दल में शामिल श्रद्धालु तमिलनाडु के कांचीपुरम के रहने वाले हैं।
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