बंद होगा रेल प्रख्रंड, आठ लाख लोग होंगे परेशान
संसू बहराइच अंग्रेजी हुकूमत की बनाई कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के भीतर से गुजरी रेल प्रखंड पर शनिवार को आखिरी बार ट्रेन दौड़ी। हाईाकोर्ट का वन्यजीव संरक्षण को लेकर दिया गया आदेश आठ लाख लोगों के लिए दर्द बन गया है।
बहराइच : कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के भीतर से गुजरी रेल प्रखंड पर शनिवार को आखिरी बार ट्रेन दौड़ी। हाईकोर्ट का वन्यजीव संरक्षण को लेकर दिया गया आदेश आठ लाख लोगों के आवागमन के लिए चिता बन गया है। रेलवे बोर्ड ने नानपारा- मैलानी रेल प्रखंड पर ट्रेनों का संचालन बंद करने का फैसला किया है। इससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि नेपाल के चार जिलों के लोगों को भी करारा झटका लगा है। कतर्नियाघाट के पर्यटन से लेकर स्थानीय कारोबार पर भी सीधा असर पड़ेगा।
200 पंचायतों के लोग प्रभावित : मिहीपुवा व बलहा ब्लॉक के कई गांव भारत की अंतिम सीमा से सटे हुए हैं। इन गांवों के लोगों के आवागमन का मुख्य साधन रेल रही है। इसके माध्यम से ही लोग जिला मुख्यालय पहुंचते रहे हैं। खासकर मिहीपुरवा ब्लॉक की 127 व बलहा के 72 गांवों के 90 फीसद लोग आने-जाने के लिए ट्रेन का सहारा लेते थे। न्यायालय, इलाज या फिर कारोबार के लिए उनके लिए ट्रेन सस्ता व सुलभ रहा है। ट्रेनों के बंद हो जाने से इन गांवों को लोगों के लिए आवागमन चुनौती होगी। पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण की चिता ने अब आठ लाख लोगों के सामने आवागमन की चुनौती पैदा कर दी है।
नेपाल के चार जिलों पर भी असर : समाज सेवी जंग हिदुस्तान का कहना है कि भारत की सीमा से लगा नेपाल का बांके, बर्दिया, कैलाली व कंचनपुर जिले के अधिकांश लोग मोंटी फंटा, पलिया होकर राजापुर, गुलहरिया, बिछिया, मुर्तिहा, रुईडीहा व रायबोझा से ट्रेन का सफर करते थे। इस क्षेत्र में ट्रेन क अलावा आवागमन का दूसरा साधन नहीं है। ऐसे में ट्रेन बंद होने से इन जिलों के लोगों पर भी सीधा असर पड़ेगा।