टाइगर्स की संख्या में यूपी में टॉप पर होगा कतर्निया घाट, 550 ट्रैप कैमरों के जरिए होगी काउंटिंग
भारत-नेपाल सीमा से सटा कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग बाघों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। हर चार वर्ष में होने वाली गणना के दौरान यहां बाघों की संख्या में ...और पढ़ें

संतोष श्रीवास्तव, बहराइच। भारत-नेपाल सीमा से सटा कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग बाघों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। हर चार वर्ष में होने वाली गणना के दौरान यहां बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती रही है। वन्य जीव संरक्षण के लिए लगातार कोशिशों का नतीजा है कि 2026 की गणना में बहराइच जिला बाघों के संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश में शीर्ष पर होगा।
551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट जंगल में बाघों की संख्या बढ़ने से वन-विभाग के अधिकारी व वन्यजीव प्रेमी गदगद रहते हैं। वर्ष 2018 में बाघों की की गणना हुई थी। , जिसमें कतर्निया जंगल में बाघों की संख्या 29 होने की पुष्टि हुई थी। 2022 में हुई गणना में इनकी तादाद बढ़कर 59 हो गई थी। गणना के दौरान शावकों को नहीं गिना गया था।
माना जा रहा इनके बड़े होने से संख्या में इजाफा होगा। यहां प्रतिवर्ष 12 से 22 शावकों के जन्म होने की संभावना से वन विभाग को बड़ी उम्मीद रहती है। बाघों की गणना के लिए लिए जंगल में 275 स्थानों को चिह्नित किया गया था। एक स्थान पर आमने-सामने दो कैमरे लगाए गए। जंगल में कुल 550 कैमरा लगाया गया था। वन विभाग के अधिकारी यह मान रहे हैं कि इस बार बाघों की संख्या 100 के पार हो जाएगी।
शीतकाल होता है मेटिंग का समय
वन विभाग की मानें तो बाघ व बाघिन की मेटिंग का समय शीतकाल में होता है। अमूमन मेटिंग अक्टूबर से दिसंबर के बीच होता है। बाघिन चार माह तक गर्भवती रहती है। इसके बाद शावक को जन्म देती है।
तीन चरणों में होगी बाघों की गणना
प्रदेश में बाघों की गणना का काम तीन चरणों में होगा। पहले चरण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व व किशुनपुर सेंचुरी नार्थ खीरी शामिल है। द्वितीय चरण में कतर्नियाघाट और दुधवा टाइगर रिजर्व शामिल होगा, तृतीय चरण में रानीपुर समेत प्रदेश के अन्य वन्यजीव अभयारण्य व बफरजोन शामिल होंगे।
धारियों से होती है बाघों की पहचान
कतर्निया में घूम रहे बाघों की गणना उनके शरीर पर बनी धारियों से की जाती है। इसके लिए सुजौली रेंजर को प्रशिक्षित किया गया है।
दिख चुके हैं 22 शावक
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वन विभाग के अधिकारियों को 22 शावक भी दिख चुके हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर वनकर्मियों के अलावा स्पेशल टाइगर प्रोटक्शन फोर्स के जवान भी जंगल में सक्रिय हैं।
बाघों की स्थिति पर एक नजर
वर्ष- संख्या
2018 - 29
2022 - 59
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी होना तय हैं। यह माना जा रहा है कि यहां की आबोहवा बाघों के लिए अनुकूल है। इस बार गणना में बाघों की संख्या 100 के ऊपर मानी जा रही है। गणना के लिए कैमरों के परीक्षण को लेकर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजा जाता है।- रोहित कुमार यादव, रेंजर सुजौली

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