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    शहर का कचरा बनेगा रोजगार का संबल

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:06 AM (IST)

    यादवपुर में स्थापित होगा प्लांट चार करोड़ होंगे खर्च कूड़े-कचरे से बनाए जाएंगे कई तरह से उत्पात ...और पढ़ें

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    शहर का कचरा बनेगा रोजगार का संबल

    प्रदीप तिवारी, बहराइच : शहर में हर रोज निकलने वाला कचरा आने वाले दिनों में जिले के लोगों के लिए रोजगार का संबल बनेगा, जो कचरा बीमारी व पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। यह कारण कई तरह के उत्पादों के रूप में आकार लेगा। शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर कचरा निस्तारण व उत्पाद प्लांट लगाने के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। जल्द ही प्लांट स्थापना की कवायद शुरू हो जाएगी।

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    जिले में दो नगरपालिका परिषद व दो नगर पंचायतें क्रियाशील हैं, जबकि पयागपुर व कैसरगंज को हाल ही में नगर पंचायत का दर्जा मिला है, लेकिन अब तक यह कागजों में ही सिमटा है। अगर हम सिर्फ सदर नगरपालिका परिषद की बात करें तो यहां हर रोज 60 से 70 टन कचरा निकलता है। शहर में कचरा निस्तारण का स्थाई समाधान न होने से नगरपालिका इसे शहर से बाहर नदी व तालाबों के किनारे या फिर खाली स्थानों पर ढेर कर रही है। इससे जहां जल प्रदूषण, पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं यह कचरा विभिन्न बीमारियों का वाहक भी है।

    शहर के लिए गंभीर बनी कचरा की समस्या के निस्तारण पर ठोस मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। बहराइच-लखनऊ हाईवे से सटे यादवपुर में कचरा निस्तारण प्लांट को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे कचरे से कई प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे तो जिले के हुनरमंद हाथों को अनुभव के आधार पर रोजगार भी मिल सकेगा। --------------- पांच एकड़ जमीन में चार करोड़ से बनेगा प्लांट -यादवपुर में शहर के कूड़ा-कचरा निस्तारण के लिए पांच एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। प्लांट पर चार करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव सरकार ने मंजूर कर दिया है। इसमें से कार्यदायी संस्था को एक करोड़ रुपये का बजट जारी हो गया है। सितंबर से प्लांट स्थापना की कवायद शुरू हो जाएगी। --------------- शहर को जोन में बांटकर कूड़ा का होगा उठान - नगरपालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी पवन कुमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने के लिए शहर को कूड़ामुक्त करने के साथ कूड़े से उत्पाद बनाने व शहर के लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए शहर को छह जोन में बांटा जाएगा। हर जोन के लिए अलग-अलग कूड़ा उठान के वाहन होंगे। जोन के नोडल अधिकारी की देखरेख में इसे प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।