यूपी में 240 KM लंबी रेल लाइन बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा, पांच जिलों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने तराई क्षेत्र के लोगों को 240 किमी लंबी खलीलाबाद-बहराइच रेल लाइन का तोहफा दिया है। इस परियोजना से श्रावस्ती भी रेल लाइन से जुड़ेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बहराइच रेल हब बनेगा और यात्रियों को महानगरों तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, और निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा, जिससे पांच जिलों को लाभ होगा।

जागरण संवाददाता, बहराइच। तराई के जिलों के लोगों को केंद्र सरकार ने ताेहफा दिया है। जिसके चलते संतकबीरनगर के खलीलाबाद से बहराइच सीधे जुड़ जाएगा। 240 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है। आने वाले वर्षों में इसका लाभ बहराइच के साथ मंडल के जनपद के लोगों को मिलेगा। इस निर्माण से श्रावस्ती में भी रेल लाइन का सपना साकार हो जाएगा।
श्रावस्ती जिला बहराइच से वर्ष 1997 में अलग हुआ था। यह जिला बौद्ध तीर्थ स्थली भी है। यहां पर देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, लेकिन इस जिले में अभी तक रेल लाइन नहीं है। रेल लाइन न होने से विदेशी पर्यटक दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगर से प्लेन द्वारा लखनऊ आते हैं। इसके बाद सभी अपने निजी साधनों से श्रावस्ती की यात्रा करते हैं।
इसके लिए जिले के जन प्रतिनिधियों ने रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को चार वर्ष पूर्व पत्र देकर रेल लाइन निर्माण की मांग की थी। सरकार ने श्रावस्ती को रेल लाइन से जोड़ते हुए बहराइच को रेल हब बना दिया। बहराइच खलीलाबाद नई रेल लाइन के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई हो चुकी है। रेल लाइन का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में हर्ष है। लोगों का कहना है कि इससे यहां के यात्री सीधे महानगरों की यात्रा कर सकेंगे इतना ही नहीं श्रावस्ती जाने वाले सभी ट्रेन बहराइच से होकर गुजरेंगे। केंद्र सरकार के रेल मंत्री पिछले सरकार में खलीलाबाद से बहराइच वाया बांसी, श्रावस्ती रेल लाइन निर्माण को हरी झंडी दी थी। इसके लिए जमीन का सर्वे कार्य पूरा होने के बाद निर्माण शुरू कर दिया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से नई रेल लाइन के लिए बजट काफी पहले मंजूर कर दिया गया था सर्वे कर भी पूरा हो गया है अब जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है। निर्माण कार्य भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इसका लाभ पांच जिले के लोगों को मिलेगा।
- महेश गुप्त, पीआरओ पूर्वोत्तर रेलवे

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