Bahraich Wolf Terror: कहीं बदला लेने के लिए तो आक्रामक नहीं हो रहे भेड़िये? 3 महीने में ले चुके हैं 11 लोगाें की जान
नेपाल सीमा सटे तराई के बहराइच में सितंबर से कैसरगंज इलाके में भेड़ियों के हमले जारी हैं, लगातार हो रही घटनाओे के कारण वन विभाग को भेड़ियाें को मारना भ ...और पढ़ें

संतोष श्रीवास्तव, बहराइच। नेपाल सीमा सटे तराई के बहराइच में सितंबर से कैसरगंज इलाके में भेड़ियों के हमले जारी हैं, लगातार हो रही घटनाओे के कारण वन विभाग को भेड़ियाें को मारना भी पड़ा, लेकिन इसके बाद हमले और बढ़ गए हैं। पहले तो रात में ही बच्चों पर हमला करते थे, लेकिन अब वह दिन में भी लोगों को अपना निशाना बनाने लगे हैं।
कहीं ऐसा तो नहीं है कि छह भेड़ियों के मारे जाने के बाद यह और आक्रामक हो गए हैं। 100 दिन के अंदर अब तक भेड़िये ने नौ बच्चों समेत 11 लोगों को अपना शिकार बनाया है, 40 से अधिक लोग भेड़िये के हमले में घायल भी हो चुके हैं। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। वन विभाग की 32 टीमें लगातार इलाके में हमलों को रोकने के लिए सक्रिय हैं। बावजूद इसके हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा।
कैसरगंज रेंज में भेड़िया का पहला हमला बीते नौ सितंबर से शुरू हुआ था। 11 लोगों के भेड़ियाें का शिकार बनने के बाद वन विभाग ने छह भेड़ियों को मार गिराया,लेकिन हमले पर रोक लगाने में आज भी विभाग नाकाम है। गांवों में स्थिति यह है कि अब ग्रामीण दिन हो या रात, हर समय डर व दहशत के साए में जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञ जीपी सिंह की मानें तो भेड़िया जहां भी रहता है अपने कुनबे के साथ रहता है। अगर कुनबे के किसी एक सदस्य को कोई नुकसान पहुंचा दे तो वह बदला लेने की फिराक में रहते हैं। तत्कालीन डीएफओ अजीत सिंह भी इस बात की पुष्टि करते हैं। उन्होने बताया कि भेड़िया मानव प्रवृति का स्वाभाव रखता है और वह अपने कुनबे में शामिल सदस्यों के प्रति काफी गंभीर होता है। ऐसा माना जा सकता है कि लगातार भेड़ियों की मौत के बाद झुंड के बचे सदस्य अक्रामक हो गये हैं और बदला लेने के लिए हमले कर रहे हो।
भेड़िया को पकड़ने के लिए टीमें लगातार प्रयासरत है। एक टीम में चार सदस्य शामिल हैं। टीमें लगातार कांबिंग कर लोगों को जागरूक कर रही है। हमला पूरी तरह रुके, इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।- रामसिंह यादव, डीएफओ बहराइच

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