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    Bahraich Violence: पुलिस की लापरवाही ने रखी हिंसा की नींव, विसर्जन यात्रा के दौरान पर्याप्त बल नहीं था मौजूद

    Updated: Wed, 16 Oct 2024 09:19 AM (IST)

    बहराइच में हुई हिंसा की वजह पुलिस की लापरवाही सामने आई है। महराजगंज कस्बे में विसर्जन यात्रा के दौरान हुए विवाद में पुलिस बल की मौजूदगी कम थी और उन्ह ...और पढ़ें

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    रामपुरवा में डीएम मोनिका रानी व एसपी वृंदा शुक्ल से जानकारी लेते एसटीएफ चीफ अमिताभ यश। जागरण

    मुकेश पांडेय, जागरण बहराइच। पुलिस अगर जरा सा भी सजग और संवेदनशील होती तो महराजगंज की हिंसा टाली जा सकती थी। सांप्रदायिक दृष्टि से अति संवेदनशील इस कस्बे में हर त्योहार पर पीएसी की तैनाती होती रही है, लेकिन इस बार पुलिस और पीएसी के जो जवान विवाद के दौरान मौके पर थे, उनका रवैया भी ढीला था।

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    यही नहीं जब डीजे पर गाना बजाने को लेकर विरोध शुरू हुआ तो पुलिस बल के जवान हस्तक्षेप करने के बजाय इधर-उधर कतराते रहे। परिणाम बड़ी हिंसा के रूप में सामने आया। लगभग पांच हजार आबादी का महराजगंज कस्बा मुस्लिम बाहुल्य है। यहां लगभग 70 प्रतिशथ आबादी अल्पसंख्यक समुदाय की है। तहसील मुख्यालय से सटा यह कस्बा सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है।

    यही कारण है कि यहां पिछले 10-12 वर्षों से पुलिस बल के साथ पीएसी के जवान धार्मिक आयोजनों में निगरानी करते रहे हैं, लेकिन इस बार महज 10-12 पुलिस कर्मी और इतने ही पीएसी के जवान पूरे कस्बे में विसर्जन यात्रा के दौरान बिखरे हुए थे।

    महराजगंज में अपने घरों के बाहर मौजूद ग्रामीण।- जागरण


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    ऐसे में जब विसर्जन जुलूस कस्बे में पहुंचा और डीजे पर बज रहे गाने का मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया और हिंदू पक्ष ने उनके विरोध को नाजायज करार दिया। इस बात को लेकर जब बहस और विवाद शुरू हुआ तो सुरक्षा बल मौके पर पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं था।

    अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ युवकों ने यात्रा में शामिल म्यूजिक सिस्टम की केबल नोचने का प्रयास किया, जिससे विवाद बढ़ गया। इसी बीच सलमान के घर की छत पर चढ़कर रामगोपाल मिश्र इस्लामिक झंडा उतारने लगा। ऐसे में मनबढ़ मुस्लिम युवकों ने उसे घर के अंदर खींच लिया और बर्बरता की।

    पुलिस ने उसे बचाने की जगह बाहर आक्रोशित भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान विसर्जन यात्रा की ट्राली पर बैठे दिव्यांग सत्यवान मिश्र को सीओ की लाठी लग गई। इससे भीड़ और उग्र हो गई।

    घटना स्थल के निकट एक दुकान की टिन शेड पर एकत्र मलबा।-जागरण


    यह देख क्षेत्राधिकारी और एसओ स्थिति को नियंत्रण में करने एवं घर में कैद घायल रामगोपाल को बाहर लाकर अस्पताल पहुंचाने के बजाय मौके से खिसक गए, जो अगले दिन जनाक्रोश का कारण बना और आगजनी, तोड़फोड़ के रूप में सामने आया। इस मामले में पीड़ित परिवार ने सीओ के साथ मौके पर मौजूद रहे तहसीलदार रविकांत द्विवेदी को कठघरे में खड़ा किया है।

    आरोपितों के नेपाल भागने की आशंका

    मूर्ति विसर्जन में बवाल की रूपरेखा तैयार करने के साथ युवक को गोली मारकर हत्या करने के आरोपितों के नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपित सलमान का नेपाल से नाता है। रामगांव के रेहुआ मंसूर निवासी 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र की रविवार को विसर्जन जुलूस के दौरान बर्बरतापूर्वक पिटाई व गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने सलमान नामक युवक को चिह्नित किया है।

    महसी के रेहुआ मंसूर के महराजगंज में हुए बवाल के पीड़ित के मां बाप को सहायता राशि का चेक व मुख्यमंत्री आवास स्वीकृति का प्रमाण पत्र देते सौंपते विधायक सुरेश्वर सिंह।- जागरण


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    बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपित सलमान का नेपाल में पहले से ही ठिकाना है। वह महाराजगंज से ज्यादा नेपाल में शरण लिए रहता है। घटना के बाद से फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस, एसओजी समेत कई अन्य टीमें लगातार गिरफ्तारी का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक किसी के पकड़े जाने की सूचना पुलिस अधिकारियों ने नहीं दी है।

    इस बात की आशंका जताई जा रही है कि सलमान अन्य आरोपितों के साथ नेपाल भागने में शायद सफल हो चुका है। फिलहाल इस मुद्दे पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।