बहराइच हिंसा मामले में अदालत के फैसले ने रचा इतिहास, समय पर दोषियों को कड़ी सजा सुनाकर पीड़ितों को दिया न्याय
बहराइच हिंसा मामले में अदालत के फैसले ने इतिहास रच दिया है। अदालत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को कड़ी सजा सुनाई है, जिससे पीड़ितों को न्याय मि ...और पढ़ें
-1765627173081.webp)
बहराइच हिंसा मामले में अदालत ने दोषियों को सुनाई सजा।
जागरण संवाददाता, बहराइच। जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर 2024 को मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा और फायरिंग में रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में अदालत के फैसले ने न्यायिक इतिहास में एक अहम अध्याय जोड़ दिया है। इस जघन्य हत्याकांड में दोषियों को कड़ी सजा सुनाकर अदालत ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिया, बल्कि समाज के सामने एक सशक्त संदेश भी प्रस्तुत किया है।
अदालत ने मामले की गंभीरता, उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषियों को दंडित करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और निर्दोष की हत्या करने वालों के प्रति कानून किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा।
न्यायालय द्वारा अपेक्षाकृत कम समय में निर्णय सुनाए जाने को लेकर आमजन और विधि विशेषज्ञों ने इसे त्वरित न्याय का उदाहरण बताया है। फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर विश्वास बना रहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश कुमार सिंह ने बताया कि अदालत ने त्वरित निर्णय देकर न्याय की मंशा स्पष्ट कर दी। अधिवक्ता अनूप बाजपेयी ने बताया कि अदालत ने सीमित समय में निर्णय करके एक मिसाल पेश की है।
वहीं, स्थानीय लोगों ने भी अदालत के इस निर्णय को सराहते हुए कहा कि ऐसे फैसले समाज में भय और अराजकता फैलाने वालों के हौसले पस्त करते हैं।
हालांकि, अदालती निर्णय के विरुद्ध दोषी पक्ष की ओर से उच्च न्यायालय में अपील किए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके बावजूद जिला न्यायालय के इस फैसले को बहराइच ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में एक मजबूत न्यायिक नजीर के रूप में देखा जा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।