Bahraich Violence: बहराइच हिंसा मामले में अब ASP ग्रामीण पर गिरी गाज, रडार पर हैं कई और अधिकारी
बहराइच में हिंसा के 9वें दिन शासन ने अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया है। उनकी जगह एएसपी दुर्गा प्रसाद की तैनाती की गई है। एसपी ने भी सोमवार को महसी चौकी में इंचार्ज समेत तीन उप निरीक्षक को नई तैनाती दी है। एएसपी ग्रामीण पर कार्रवाई होने के बाद अब घटना से जुड़े अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
जागरण संवाददाता, बहराइच। महराजगंज हिंसा के 9वें दिन शासन ने अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया है। उनकी जगह एएसपी दुर्गा प्रसाद की तैनाती की गई है। एसपी ने भी सोमवार को महसी चौकी में इंचार्ज समेत तीन उप निरीक्षक को नई तैनाती दी है। एएसपी ग्रामीण पर कार्रवाई होने के बाद अब घटना से जुड़े अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज में बीते 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हो गई। हिंसा के दौरान रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्र की मौत हो गई। प्रकरण में पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ल ने तत्काल हरदी थानाध्यक्ष सुरेश कुमार वर्मा व महसी चौकी इंचार्ज शिवसागर सरोज को हटा दिया था। प्रकरण के 9वें दिन शासन ने एएसपी ग्रामीण डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाकर डीजीपी हेड क्वाटर से संबद्ध कर दिया है, जबकि यहां एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को तैनाती सौंपी गई है।
महसी चौकी इंचार्ज समेत तीन को तैनाती
एसपी ने बताया कि कोतवाली नानपारा में तैनात उप निरीक्षक संदीप कुमार द्विवेदी को महसी चौकी प्रभारी बनाया गया है। तिकोनीबाग चौकी इंचार्ज विनय कुमार पांडेय को कोतवाली नानपारा व पुलिस लाइन में तैनात एसआई हरिकेश सिंह को तिकोनीबाग चौकी इंचार्ज बनाया गया है।
निलंबित हो चुके हैं सीओ रूपेंद्र गौड़
हिंसा के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल में ही महसी के सीओ रूपेंद्र गौड़ को भी निलंबित कर दिया गया था। उनकी जगह सीओ रवि खोखर की तैनाती की गई है।
रामगाेपाल हत्या में नामजद दो आरोपितों की नेपाल में लोकेशन
संतोष श्रीवासतव, बहराइच। महसी के महराजगंज में रविवार को मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान जुलूस में शामिल श्रृद्वालु रामगोपाल मिश्र को घर में घसीटकर ले गए मुस्लिम युवकों पर बर्बरता कर गोली मारकर हत्या का आरोप लगा था। घटना के बाद जिले में हिंसा भड़क गई थी।
उपद्रवियों को काबू करने में प्रशासन के पसीने छूट गए थे। मामले में छह नामजद समेत 10 लोगों पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था। नामजद आराेपितों में चार को तो पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया, लेकिन दो आरोपित पुलिस को चकमा देकर भाग गए। सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपितों की लोकेशन पड़ोसी देश नेपाल में मिल रही है। इससे उनकी गिरफ्तारी पर भी तलवार लटक रही है।
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