बहराइच में 15.91 करोड़ से जनजाति के आठ गांवों की बदलेगी तस्वीर, 25 हजार की आबादी को होगा फायदा
बहराइच जिले में 15.91 करोड़ रुपये की लागत से जनजाति के आठ गांवों का विकास किया जाएगा। इस योजना से 25 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। गांवों में सड़क, बिजली, ...और पढ़ें

15.91 करोड़ से जनजाति के आठ गांवों की बदलेगी तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बहराइच। जिले के मिहींपुरवा ब्लाक के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य वाले आठ गांवों तस्वीर बदलने जा रही है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा विकास कार्य कराने के लिए शासन को भेजे गए 15 करोड़ 91 लाख रुपये के प्रस्तावों पर मुहर लगाई है।
इन गांवों में स्ट्रीट लाइट, सीसी रोड, इंटरलॉकिंग, नाली और सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा। इन सभी गांवों में करीब 25 हजार की आबादी निवास करती है। जिसे सरकार की कल्याणी कारी याेजनाओं का लाभ मिलेगा।
नेपाल सीमा से सटे मिहींपुरवा ब्लाक के आठ गांव विशुनपुर, बर्दिया, फकीरपुरी, रमवापुर, भैसाही, धर्मापुर, कोली मटेही और लौकाही में अनुसूचित जनजाति (थारू) समाज के लोग रहते हैं। इनकी करीब 25 हजार की आबादी है। इनके गांव के विकास के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार विशेष रूप से कार्य करा रही है। अलग से बजट की व्यवस्था भी की है।
यही वजह है कि इन सभी गांवों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए समाज कल्याण विभाग ने जिलाधिकारी के माध्यम से 15 करोड़ 91 लाख 54 हजार रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। इसमें स्ट्रीट लाइट, सीसी रोड, इंटरलाकिंग, नाली और सामुदायिक भवन के विकास कार्य शामिल हैं। इनके बनने से इस विशेष समाज विकास की मुख्यधारा से जुडेगा।
ग्राम वार प्रस्तावित लागत (लाखों में)
लौकाही-199.97, कोहली मटेही- 199.47, धर्मापुर-199.63, रमवापुर-199.32, भैसाही-200.00, बर्दिया-199.60, विशुनापुर- 193.79, फकीरपुरी-199.76
शिक्षा से जुड़ रहे इस वर्ग के बच्चे
इसी ब्लाक के हरैया गांव में आश्रम पद्वति विद्यालय और बोझिया गांव में एकलव्य माडल इंटर कालेज में इन विशेष वर्ग के बच्चों को सह शिक्षा दी जा रही है। वहीं रिसिया मोड के पास बने एक अन्य आश्रम पद्वति विद्यालय के साथ शहर के समाज कल्याण कार्यालय परिसर में भी राजकीय इंटर कॉलेज संचालित इस वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
अनुसूचित जनजाति के आठ गांवों में विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर शासन को अक्टूबर माह में प्रमुख सचिव और भारत सरकार को भेजा गया है। अनुमति मिलने पर विकास कार्य कराए जाएंगे। -श्रद्धा पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बहराइच।

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