बहराइच में दुष्कर्म के एक नौ साल पुराने मामले में विशेष अदालत ने रिंकू उर्फ रामप्रसाद को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। उस पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने की भी सिफारिश की है। यह फैसला पाक्सो एक्ट के तहत सुनाया गया।
जागरण संवाददाता, बहराइच। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपकांत मणि ने दुष्कर्म के मामले में आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर दोषी को पांच माह तक जेल में रहना पड़ेगा।
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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह, विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह व सुरेंद्र कुमार मौर्य ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि हुजूरपुर थाने के एक गांव निवासी महिला ने थाने में तहरीर देकर बताया कि 22 अप्रैल 2016 को रात एक बजे उसकी 14 वर्षीय बेटी को आरोपित बहला-फुसलाकर अपहृत कर ले गया। तलाश करने पर नहीं मिली। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। शक के आधार पर रानीपुर के माफी निवासी रिंकू उर्फ रामप्रसाद को हिरासत में ले लिया।
आरोपित ने गाजीपुर कोड़री निवासी पराग उर्फ राहुल को भी घटना में शामिल होना बताया। पुलिस ने पीड़िता को न्यायालय के समक्ष पेश कर उसका बयान कराया और दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया। विचारण के दौरान पराग उर्फ राहुल को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, जबकि रिंकू उर्फ रामप्रसाद को दोष सिद्ध ठहराया। दोषी पाते हुए आरोपित को सजा सुनाई। दोषी का सजायाबी वारंट तैयार कर सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया।
पीड़िता को मिलेगी प्रतिकर धनराशि
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपकांत मणि ने पीड़िता की उम्र और अपराध की प्रकृति को देखते हुए उसे नियमानुसार प्रतिकर धनराशि दिए जाने की संस्तुति की। आदेश की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को भी भेजा है।
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