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    यूपी में एक और मेले पर लगी रोक, 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को किया गया पर तैनात

    बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी के बाद लक्कड़ शाह मजार के सालाना उर्स पर भी रोक लग गई है। वन विभाग ने वन संरक्षित क्षेत्र में मजार होने के कारण अनुमति नहीं दी। मजार कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के बीच स्थित है जहाँ हर साल दूर-दूर से लोग आते थे। डीएफओ ने बताया कि यह अतिक्रमण कोर जोन में है।

    By Arun Dixit Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 30 May 2025 05:40 PM (IST)
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    दरगाह के बाद अब लक्कड़ शाह की मजार पर लगने वाले मेला पर लगी रोक

    जागरण संवाददाता, बहराइच। सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह में मेले पर रोक के बाद अब लक्कड़ शाह की मजार पर लगने वाले सालाना में पर भी रोक लग गई है। मजार वन संरक्षित क्षेत्र में होने का हवाला देते हुए वन विभाग ने अनुमति नहीं दी है।

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    मुर्तिहा कोतवाली इलाके में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के बीच लक्कड़ शाह की मजार बनी हुई है। मजार किसने बनवाई और कब बनी? इसकी जानकारी वन विभाग को भी नहीं हो पाई। धीरे-धीरे यहां उर्स के रूप में मेला लगने लगा। इसमें सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती समेत नेपाल से भी लोग पहुंचते थे।

    हजारों की संख्या में लोग जियारत के नाम पर आते थे। वन संरक्षित क्षेत्र में लगने वाले उर्स पर इस बार रोक लगा दी गई है। डीएफओ का कहना है कि यह एक अतिक्रमण है, जो सेंचुरी एरिया यानी कोर जोन में पड़ता है, इसलिए इस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।

    मजार के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

    लक्कड़ शाह की मजार पर लगने वाले उर्स पर रोक लगाने के बाद उस इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इनमें वन कर्मियों के अलावा निरीक्षक, उपनिरीक्षक व पुलिस कर्मी समेत तकरीबन 100 लोग मौके पर मोर्चा संभाले हुए हैं, जो किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए सक्षम हैं।

    कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग वन संरक्षित क्षेत्र है। यहां टाइगर, लेपर्ड के अलावा कई अन्य जानवर भी हैं। जिस जगह मेला लग रहा था, वह भी कोर जोन में पड़ता है, इसलिए वहां अनुमति नहीं दी गई है। - बी शिवशंकर, प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट