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    पुलिस की राइफल लूटने में दोषी को सात वर्ष की सजा, दोषी पर सात हजार रुपये का लगा जुर्माना

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:48 AM (IST)

    एक व्यक्ति को पुलिस की राइफल लूटने के मामले में दोषी पाया गया है। न्यायालय ने उसे सात साल की सजा सुनाई है और सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला अपराध की गंभीरता को देखते हुए सुनाया गया है।

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    जागरण संवाददाता, बहराइच। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतिभा चौधरी ने बुधवार को पुलिस की राइफल लूटकर पुलिस अभिरक्षा से भागने वाले वाले आरोपित को दोषी करार देते हुए अदालत ने सात वर्ष की सजा सुनाई है। उस पर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर उसे दो माह अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा।

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    अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी निर्मल यादव ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि 22 जून 2021 को कोतवाली नानपारा के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह व एसआइ मनोज कुमार सिंह ने आरक्षियों के साथ मिलकर कोतवाली नानपारा के पतरहिया निवासी आरोपित परशुराम को डेढ़ वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म करने के मामले में गिरफ्तार किया था।

    मासूम पीड़ित की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। फिलहाल इस मामले में आरोपित को सजा-ए-मौत की सजा मिल चुकी है। आरोपित ने आरक्षी मनोज कुमार के कंधे से 12 बोर राइफल छीनकर साढ़े ग्यारह बजे दाहिनी ओर भागने लगा। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए दौड़ाया और उसे रुकने की चेतावनी दी।

    इस पर वह गन को पुलिस वालों पर तानते हुए गाली देकर कहने लगा कि आगे बढ़ोगे तो गोली मार दूंगा। पीछे हटते हुए गन्ने की ओर बढ़ने लगा। एसएचओ ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वह गाली देते हुए लोड गन दिखाता रहा।

    इस पर पुलिस ने सर्विस पिस्टल को अपने को बचाते हुए आरोपित के पैर पर घुटने के नीचे फायर कर दिया, जिससे वह गिर गया और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

    पुलिस ने मामले में तत्कालीन एसएचओ संजय सिंह, एसआइ मनोज कुमार सिंह, आरक्षी मनोज कुमार, निरीक्षक रामप्रसाद यादव, राजेंद्र प्रताप सिंह की गवाही अदालत में कराई। अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।