‘मैं भी जिंदा हूं’, यूपी के इस जिले में 3.29 लाख मनरेगा श्रमिकों को देना होगा जीवित होने का प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश के बहराइच में मनरेगा श्रमिकों को जीवित होने का प्रमाण देना होगा। 3.29 लाख श्रमिकों को पहचान पत्र जमा करने के लिए कहा गया है क्योंकि शिकायतें मिली थीं कि मृत लोगों के नाम पर भुगतान हो रहा है। इस फैसले से श्रमिकों में नाराजगी है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह भ्रष्टाचार रोकने के लिए जरूरी है।

3.29 लाख मनरेगा श्रमिकों को देना होगा जीवित होने का प्रमाण पत्र।
जागरण संवाददाता, बहराइच। सरकारी पेंशनर्स की भांति इस साल से मनरेगा मजदूरों को भी ‘मैं भी जिंदा हूं’ का प्रमाण पत्र देना होगा। मनरेगा के सक्रिय 3,23,116 मजदूरों की ई-केवाईसी कराई जाएगी। इसमें मजदूर की न केवल फोटो, बल्कि दो से तीन बार पलक झपकाने की प्रक्रिया भी अपलोड होगी। विभाग का दावा है कि शुरुआती दौर में 24 हजार से अधिक श्रमिकों की ई-केवाईसी की गई है।
मनरेगा जाबकार्ड धारक परिवारों में सक्रिय मजदूरों को नियमित रोजगार देने के साथ ही अब उनके जीवित होने का प्रमाण पत्र भी वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर अपलोड किए जाने की व्यवस्था दी गई है।
भारत सरकार की ओर से दिए गए नेशनल मोबाइल मानिटरिंग सिस्टम के माध्यम से ई-केवाईसी के लिए कहा गया है। ई-केवाईसी के लिए मोबाइल पर नेशनल मोबाइल मानिटरिंग सिस्टम के साथ ही आधार फेस प्रमाणीकरण एप को भी इंस्टाल करना होगा।
इसके माध्यम से मनरेगा मजदूरों के जीवित होने का प्रमाण पत्र अपलोड किया जाएगा। जिले में यह प्रक्रिया शुरू कराई गई है। अब तक विभाग द्वारा 24381 सक्रिय श्रमिकों का ई-केवाईसी किया गया है। ई-केवाईसी के लिए रोजगार सेवकों के साथ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को लगाया गया है।
ब्लाक-जॉबकार्ड संख्या-श्रमिक-सक्रिय जॉबकार्ड-सक्रिय श्रमिक
मिहींपुरवा-59060-77727-39303-48852
नवाबगंज-38409-40918-27081-28439
बलहा-33088-44600-19826-25517
शिवपुर-40682-49533-28799-34670
रिसिया-27428-32067-18003-20242
चित्तौरा-31468-39640-18785-22267
पयागपुर-17924-22216-10899-13110
विशेश्वरगंज-19102-26631-10774-13850
महसी-43199--48280-31164-34168
तेजवापुर-25227-32236-15527-18879
फखरपुर-29612-33922-19844-21850
हुजूरपुर-23567-29440-14503-17135
कैसरगंज-21318-24666-13153-14875
जरवल-24845-27784-14198-15262
मनरेगा जबकार्ड के सक्रिय मजदूरों की ई- केवाईसी होनी है। इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम पर ई- केवाईसी एप दिया है। आधार फेस प्रमाणीकरण एप भी मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। उसी के माध्यम से प्रमाण पत्र अपलोड होंगे। -रवि शंकर पांडेय, उपायुक्त श्रम और रोजगार, बहराइच।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।